Vijayadashami 2019 Sindur Khela: शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) में नौ दिनों तक मां दुर्गा (Maa Durga) की पूजा-अर्चना के बाद दशमी तिथि यानी विजयादशमी (Vijayadashmi) के दिन बंगाली समुदाय (Bengali Women) की महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं, जिसे सिंदूर खेला (Sindur Khela) के नाम से जाना जाता है. विजयादशमी के दिन दुर्गा पंडालों में बंगाली समुदाय की सुहागन महिलाएं एक-दूसरे के साथ सिंदूर की होली खेलती हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा 10 दिन के लिए अपने मायके आती हैं, इसलिए उनका भव्य स्वागत करने के लिए नवरात्रि में दुर्गा पंडाल सजाए जाते हैं. इन पंडालों में देवी दुर्गा की पूजा-आराधना की जाती है और दशमी पर सिंदूर खेला के बाद मां दुर्गा को विदा किया जाता है.
आज यानी विजयादशमी के अवसर पर देश के विभिन्न दुर्गा पंडालों में सिंदूर खेला का आयोजन किया गया. इस खास मौके पर दक्षिण दिल्ली के स्थित चितरजंन पार्क (Chittaranjan Park) में सिंदूर खेला का आयोजन किया गया, जहां काफी संख्या में बंगाली समाज की महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर इस रस्म को अदा किया. यह भी पढ़ें: Durga Puja 2019: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है दुर्गा उत्सव, जानिए दुर्गा पूजा से जुड़ी खास बातें
चितरंजन पार्क में सिंदूर खेला में शामिल हुई महिलाएं-
Delhi: Women participate in 'sindur khela' on the occasion of #VijayaDashmi at a pandal in Chittaranjan Park (CR Park). pic.twitter.com/yjKaRvWTRm
— ANI (@ANI) October 8, 2019
देखिए बंगाली महिलाओं के पारंपरिक सिंदूर खेला का वीडियो-
वहीं पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी (Siliguri) में दुर्गा पंडाल में सिंदूर खेला (Sindur Khela) बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दौरान भारी संख्या में महिलाओं ने सिंदूर खेला में हिस्सा लिया और एक-दूसरे को सिंदूर लगाया. यह भी पढ़ें: Durga Puja 2019: दूर्गा पूजा के दौरान बंगाली समुदाय के लोग खाते हैं मांसाहारी भोजन, जानिए क्या कहती है इससे जुड़ी मान्यताएं
दुर्गा पंडाल में सिंदूर खेला की रस्म अदा करती महिलाएं-
West Bengal: Women participate in 'sindur khela' on the occasion of #VijayaDashmi at a puja pandal in Siliguri. pic.twitter.com/u7takbwZAf
— ANI (@ANI) October 8, 2019
सिंदूर खेला का महत्व
नवरात्रि के दसवें दिन यानी विजयादशमी के दिन आयोजित किए जाने वाले सिंदूर खेला का बंगाली समुदाय में विशेष महत्व बताया जाता है. बंगाली समुदाय की इस खास परंपरा की शुरुआत 450 साल पहले पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों से हुई थी. नवरात्रि के दसवें दिन बंगाली समाज की विवाहित महिलाएं मां दुर्गा, मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की पूजा के बाद उनका श्रृंगार करके उन्हें सिंदूर अर्पित करती हैं. इसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाने की रस्म निभाती हैं. कहा जाता है कि सिंदूर खेला के जरिए महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं.