इस्लामी समुदाय के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक, ईद उल-फितर या ईद अल-फ़ितर (Eid ul-Fitr) (Eid al-Fitr) पूरे विश्व में व्यापक रूप से मनाया जाता है. इस दिन पवित्र रमजान का महीना यानि महीने भर का रोजा समाप्त हो जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान महीने के बाद 10वें शव्वाल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है. इस दिन मीठी सेवइयां बनती हैं इसलिए इस त्यौहार को मीठी ईद ’के रूप में भी जाना जाता है. इस साल रमजान ईद भारत में 14 मई को और गल्फ देशों में एक दिन पहले 13 मई को मनाई जा सकती है. ये चांद दिखने पर निर्भर करता है. अगर 13 मई को चांद नजर आया तो ईद 14 मई को होगी. यह भी पढ़ें: Shab-e-Qadr Mubarak 2021 Greetings & Duas: शब-ए-क़द्र पर ये WhatsApp Stickers, Facebook Messages, Wishes और SMS भेजकर लैलात-अल-क़द्र की दें मुबारकबाद
ईद उल-फ़ित्र या मीठी ईद ’की उत्पत्ति पैगंबर मुहम्मद द्वारा की गई थी और कई शताब्दियों से मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाया जा रहा है. इस दिन को शव्वाल महीने के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है, जो कि इस्लामिक कैलेंडर के नौवें महीने यानी रमजान के समापन के ठीक बाद आता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, ईद उल-फितर तब शुरू होती है जब शव्वाल के पहले दिन के अर्धचंद्र (crescent moon) से प्रकाश की पहली किरण जमीन पर गिरती है. और अगर मौसम की स्थिति के कारण चंद्रमा नहीं दिखाई देता है तो अगले दिन ईद मनाई जाती है.
कई बार ऐसा भी होता है कि ईद का चांद 29 वें रोजे के दिन भी दिखायी दे जाता है. जब चांद 29 वें रोजे को दिखायी देता है तो रोजे 29 ही होते हैं और अगले दिन ईद मनायी जाती है और अगर चांद 30 वें रोजे को दिखायी देता है तो रोजे पूरे 30 दिन होते हैं और अगले दिन ईद का पर्व मनाया जाता है.
इस दिन, मुसलमान नए कपड़े पहनते हैं और मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए जाते हैं. वे इस दिन एक विशेष धार्मिक प्रार्थना करते हैं जिसे सलात के नाम से जाना जाता है.