Vivah Panchami 2022: विवाह में आ रही हैं बाधाएं? विवाह पंचमी पर करें सीता-राम विवाह! मिलेगा प्रभु राम एवं देवी सीता का आशीर्वाद!
हिंदू शास्त्रों में विवाह पंचमी सबसे महत्वपूर्ण दिनों में एक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में यह शुभ तिथि भगवान श्रीराम और देवी सीता के शुभ विवाह के लिए समर्पित बताया गया है. द्रिक पंचांग के अनुसार यह दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है
Vivah Panchami 2022: हिंदू शास्त्रों में विवाह पंचमी सबसे महत्वपूर्ण दिनों में एक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में यह शुभ तिथि भगवान श्रीराम और देवी सीता के शुभ विवाह के लिए समर्पित बताया गया है. द्रिक पंचांग के अनुसार यह दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार विवाह पंचमी 28 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन जिस घर में प्रभु श्री राम-सीता का विवाह सम्पन्न कराया जाता है, उस घर में कभी भी धन-ऐश्वर्य की कमी नहीं होती है, साथ ही वैवाहिक जीवन में आ रही सभी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं. आइये जानें क्या है विवाह पंचमी का महत्व, शुभ मुहूर्त एवं पूजा तथा विवाह के नियम. यह भी पढ़े: Vivah Panchami 2020 Messages: विवाह पंचमी पर इन हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIF Images के जरिए प्रियजनों को दें शुभकामनाएं
विवाह पंचमी का महत्व:
विष्णु पुराण के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन देवी सीता और प्रभु राम का विवाह हुआ था. इसलिए इस दिन सीता जी और श्री राम का विवाह और उनके संयुक्त पूजा का विधान है. इस पर्व का अयोध्या और नेपाल में विशेष आयोजन किया जाता है. यहां विवाह पंचमी का उत्सव देखने लायक होता है. मान्यता है कि इस दिन शुभ योग में मांगलिक कार्य करने से हर कार्य शुभता के साथ सम्पन्न होते हैं. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार अगर आप घर-परिवार अथवा कार्य स्थल पर किसी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो विवाह पंचमी के दिन निम्न उपाय करें तो सारी समस्याओं का निदान हो सकता है.
विवाह पंचमी के नियम:
हिंदू शास्त्रों में उल्लेखित है कि विवाह पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान करें. इसके बाद राम-सीता जी के विवाह का संकल्प लें, और इनके विवाह की तैयारियां शुरू करें. घर के मंदिर के समक्ष एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर इस पर प्रभु राम एवं देवी सीता की प्रतिमा स्थापित करें. श्रीराम को पीतांबर और देवी सीता को लाल गोटा युक्त सुंदर वस्त्र पहनाएं. धूप दीप प्रज्वलित करने के पश्चात पुष्प, रोली, अक्षत, तुलसी एवं सुपारी अर्पित करें. बेहतर होगा, इस अवसर पर अगर अखंड रामायण नहीं तो सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें. अब प्रभु श्रीराम एवं देवी सीता का गठबंधन करते हुए निम्न मंत्र का 21 बार जाप करें.
ॐ जानकी वल्लभाय नमः
अंत में श्री राम एवं सीता जी की आरती उतारें. ऐसा करने से दांपत्य जीवन मधुर होता है, घर में सुख-समृद्धि आती है.
विवाह पंचमी 2022 की तिथि और शुभ मुहूर्त
विवाह पंचमी प्रारंभः 04.25PM (27 नवंबर 2022 रविवार) से
विवाह पंचमी समाप्तः शाम 01.35 PM (28 नवंबर 2022 सोमवार) तक
उदया तिथि 28 नवंबर को पड़ने के कारण इसी दिन विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा.
अभिजीत मुहूर्त- 11.48 AM से 12.30 PM तक
विवाह पंचमी शुभ योग
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार विवाह पंचमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग एवं वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है. कहते हैं कि इन शुभ योग में पूजा-अर्चना करने से जातक पर भगवान श्रीराम और माता सीता की विशेष कृपा प्राप्त होती है, तथा जीवन में सारी खुशियां हासिल होती हैं.
सर्वार्थ सिद्धि योगः 10.29 AM (28 नवंबर 2022) से 06.55 AM (29 नवंबर 2022) तक
वृद्धि योग 09.34 PM (27 नवंबर 2022) से 06.05 PM (28 नवंबर 2022) तक