Vishu 2024 Wishes: हैप्पी विशु! केरल नव वर्ष पर अपनों संग शेयर करें ये शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images और Wallpapers
ऐसी मान्यता है कि विशु के दिन श्रीहरि और श्रीकृष्ण के पूजन व दर्शन से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है. इस शुभ अवसर पर केरल के सबरीमाला मंदिर में विशेष आयोजन किया जाता है. ऐसे में आप केरल नव वर्ष के अवसर पर इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस और वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को हैप्पी विशु कहकर बधाई दे सकते हैं.
Vishu 2024 Wishes in Hindi: देश के अधिकांश हिस्सों में जहां चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नव संवत यानी हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) की शुरुआत होती है तो वहीं केरल (Kerala) में 14 अप्रैल 2024 को विशु (Vishu) पर्व मनाया जा रहा है, जिसे केरल नव वर्ष (Kerala New Year) के तौर पर जाना जाता है. विशु का त्योहार केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में नए साल की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है. विशु मलयालम कैलेंडर के पहले महीने मेडम का पहला दिन है. केरल में जिस तरह से नए साल के तौर पर विशु पर्व मनाया जाता है, उसी तरह से असम में बोहाग बिहू, तमिलनाडु में पुथांडु, पंजाब में बैसाखी, पश्चिम बंगाल में पोइला बैसाख, ओडिशा में पना संक्रांति और बिहार में जुड़ शीतल के तौर पर नए साल का त्योहार लोग अपनी-अपनी स्थानीय परंपराओं के अनुसार मनाते हैं.
इस दिन केरलवासी भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं, इसके साथ ही अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि और श्रीकृष्ण के पूजन व दर्शन से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है. इस शुभ अवसर पर केरल के सबरीमाला मंदिर में विशेष आयोजन किया जाता है. ऐसे में आप केरल नव वर्ष के अवसर पर इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस और वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को हैप्पी विशु कहकर बधाई दे सकते हैं.
2- हैप्पी केरल न्यू ईयर
3- केरल नव वर्ष की बधाई
4- विशु की हार्दिक बधाई
5- केरल नव वर्ष की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि विशु से ठीक एक दिन पहले लोग रात के 12 बजे भगवान के सामने नए वस्त्र, आभूषण, फल, भगवद्गीता और रामायण सजाकर रख देते हैं, फिर सुबह उठने के बाद सबसे पहले भगवान के दर्शन करते हैं, जिसे विशुकानी कहा जाता है. इस रस्म को अदा करने के बाद लोग मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करते हैं और उन्हें तरह-तरह के पकवानों का भोग अर्पित करते हैं, फिर परिवार के साथ मिलकर भोजन करते हैं. इस दिन पुरुष धोती पहनते हैं और महिलाएं कसुवु साड़ी पहनती हैं.