Vinayak Chaturthi June 2020: आज (24 जून 2020) को आषाढ़ मास (Ashadh Month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि सुबह 10: 16 बजे से शुरू हो रही है. चतुर्थी तिथि सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय भगवान गणेश (Lord Ganesha) को समर्पित है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) कहा जाता है. चतुर्थी तिथि के दिन भगवाण गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी बुधवार को मनाई जा रही है, इसलिए इसे बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि बुधवार का दिन और चतुर्थी तिथि गणेश जी को अतिप्रिय है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के सारे संकट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
इस साल की यह पहली चतुर्थी है जो बुधवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसे एक विशेष संयोग के तौर पर देखा जा रहा है. माना जाता है कि बुधवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी तिथि विशेष फलदायी होती है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से वे बेहद प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. चलिए जानते हैं शुभ मुहूर्त, गणेश जी की पूजा विधि और महत्व.
शुभ मुहूर्त
विनायक चतुर्थी- आषाढ़ शुक्ल (24 जून 2020)
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 24 जून 2020 की सुबह 10:16 बजे से,
चतुर्थी तिथि समाप्त- 25 जून 2020 की सुबह 08.49 बजे तक. यह भी पढ़ें: Sankashti Chaturthi June 2020: संकष्टी चतुर्थी के व्रत से दूर होते हैं जीवन के सारे कष्ट, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और चंद्रोदय का समय
पूजा विधि
- सुबह उठकर घर की साफ-सफाई करें और फिर स्नान करके व्रत का संकल्प लें.
- पूजा स्थल पर भगवान गणेश की पूजा से पहले उनकी प्रतिमा को स्नान कराएं.
- स्नान के बाद गणेश जी की प्रतिमा को साफ वस्त्र पहनाएं और उन्हें सिंदूर का तिलक लगाएं.
- अब भगवान गणेश जी को दूर्वा अर्पित कर, अक्षत, फूल, कपूर, धूप-दीप इत्यादि से पूजन करें.
- गणेश जी को मोदक और लड्डू अतिप्रिय है, इसलिए उन्हें इनका भोग अर्पित करें.
- अब विनायक चतुर्थी की कथा पढ़ें या सुनें और फिर गणेश जी की आरती करें.
- रात में चंद्रमा के उदय होने के बाद चांद की पूजा करके अपने व्रत को पूर्ण करें.
विनायक चतुर्थी का महत्व
प्रचलित धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की श्रद्धाभाव से पूजा करने पर जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं. उनकी कृपा से कार्यों में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आती है, यही वजह है कि उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करने से गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से आराम मिलता है. छात्रों की पढ़ाई में अगर किसी प्रकार की बाधा आ रही है तो वह भी दूर होती है. चतुर्थी का व्रत रखने से भक्तों को गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.