Vasu Baras 2022 Wishes: बछ बारस की इन हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Quotes के जरिए दें हार्दिक बधाई
मान्यता है कि जो लोग गाय की सेवा, रक्षा और पूजन करते हैं उन पर हमेशा भगवान विष्णु और उनके आठवें अवतार श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है. इस खास अवसर गौ सेवा करने के साथ-साथ आप शुभकामना संदेशों के जरिए लोगों को बधाई भी दे सकते हैं. आप प्रियजनों के साथ बछ बारस के ये हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स को शेयर कर सकते हैं.
Vasu Baras 2022 Wishes in Hindi: दिवाली (Diwali) के पांच दिवसीय उत्सव के शुरुआत से पहले यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi) का त्योहार मनाया जाता है. गौ माता और बछड़ों को समर्पित इस पर्व को धनतेरस (Dhanteras) से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है. यह एक ऐसा अनूठा उत्सव है, जब लोग मानव जीवन के निर्वाह में गायों के महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं. इसके अलावा इस दिन महिलाएं अपनी संतान की खुशहाली और सलामती की कामना से गोवत्स द्वादशी का व्रत कर गाय और बछड़ों की पूजा व सेवा करती हैं. गोवत्स द्वादशी को बछ बारस (Bach Baras) और वसु बारस (Vasu Baras) के नाम से भी जाना जाता है.
मान्यता है कि जो लोग गाय की सेवा, रक्षा और पूजन करते हैं उन पर हमेशा भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और उनके आठवें अवतार श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है. इस खास अवसर गौ सेवा करने के साथ-साथ आप शुभकामना संदेशों के जरिए लोगों को बधाई भी दे सकते हैं. आप प्रियजनों के साथ बछ बारस के ये हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स को शेयर कर सकते हैं.
1- गायों की सेवा करो, रोज नवाओ शीश
खुश होकर देंगी तुम्हें, वे लाखों आशीष
बछ बारस की बधाई
2- जब भी हो अंतिम समय, करिए गैया दान,
हमको यह समझा रहे, अपने वेद पुराण...
बछ बारस की बधाई
3- गौ पाली तब ही बने, कान्हा जी गोपाल,
दूध-दही से वे करें, सबको मालामाल...
बछ बारस की बधाई
4- बची नहीं गायें अगर, ऐसा होगा हाल,
तरसेंगे फिर दूध को, इस माटी के लाल...
बछ बारस की बधाई
5- गोबर से बढ़िया नहीं, खाद दूसरी कोय,
डालोगे गर यूरिया, लाख बीमारी होय...
बछ बारस की बधाई
बहरहाल, सनातन धर्म की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, गौ माता (Cow) की भक्ति और गौ-सेवा से बड़ा कोई अनुष्ठान नहीं है, क्योंकि गौ माता में सभी देवी-देवताओं का निवास माना गया है. मान्यता है कि गाय माता की पूजा और उसकी सेवा करने वालों को सभी देवी-देवताओं को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.