Vamana Jayanti 2020 Wishes & Images: वामन जयंती के शुभ अवसर पर अपने प्रियजनों को इन शानदार WhatsApp Stickers, Facebook Photos, Messages, Greetings, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं

भगवान विष्णु के कई अवतारों में उनके पांचवें अवतार वामन को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. वामन जयंती के शुभ अवसर पर आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को बधाई दे सकें, इसलिए हम लेकर आए हैं शानदार विशेज, इमेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक फोटोज, मैसेज, ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, जिन्हें सोशल मीडिया के जरिए भेजकर आप वामन जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

वामन जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

Vamana Jayanti 2020 Wishes & Images: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को वामन जयंती (Vamana Jayanti) के नाम से जाना जाता है, इसे परिवर्तिनी एकादशी, पार्श्व एकादशी, वामन एकादशी, जलझूलनी एकादशी, डोल ग्यारस और पद्मा एकादशी जैसे नामों से जाना जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक, वामन जयंती आज (29 अगस्त) मनाई जा रही है. कहा जाता है कि असुर राज बलि (Bali) के अन्याय और अत्याचारों से पृथ्वीलोक को मुक्ति दिलाने के लिए ही श्रीहरि ने वामन अवतार (Vamana Avtaar) लिया था. वामन जयंती के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के वामन अवतार की विधिवत पूजा की जाती है. मान्यता है कि जो व्यक्ति वामन जयंती के दिन विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं उनके सभी प्रकार के दुखों का अंत होता है और मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

भगवान विष्णु के कई अवतारों में उनके पांचवें अवतार वामन को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. वामन जयंती के शुभ अवसर पर आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को बधाई दे सकें, इसलिए हम लेकर आए हैं शानदार विशेज, इमेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक फोटोज, मैसेज, ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, जिन्हें सोशल मीडिया के जरिए भेजकर आप वामन जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- वामन जयंती 2020

वामन जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

2- वामन जयंती 2020

वामन जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

3- वामन जयंती 2020

वामन जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

4- वामन जयंती 2020

वामन जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

पौराणिक मान्यता के अनुसार, असुर राज बलि ने अपने तपोबल से कई शक्तियां और सिद्धियां हासिल कर ली थी. इन शक्तियों को प्राप्त करने के बाद उन्होंने इंद्रलोक पर अपना अधिकार कर लिया. बलि से पराजित हुए देवताओं ने मदद के लिए भगवान विष्णु से गुहार लगाई. देवताओं की प्रार्थना स्वीकार करते हुए उन्होंने माता अदिति के गर्भ से वामन अवतार लिया. वामन अवतार में श्रीहरि राजा बलि के पास उस समय पहुंचे जब वो अश्वमेध यज्ञ करा रहे थे.

राजा बलि ने उनका सत्कार किया और आखिर में उनसे भेंट मांगने के लिए कहा, जिसके बाद भगवान वामन ने कहा कि उन्हें तीन पग भूमि चाहिए. राजा बलि द्वारा सहमति मिलते ही वामन ने अपने एक पग से भू लोक, दूसरे पग से आकाश को नाप लिया, जब वामन रूपी श्रीहरि ने पूछा कि वो अपना तीसरा पग कहां रखें तो राजा बलि ने अपना सिर उनके सामने झुका लिया. तीसरा पग महाबली के सिर पर रखते ही वो पाताल लोक पहुंच गए.

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