Tulsi Vivah 2019: शादी में आ रही बाधा को दूर करने और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए जरूर कराएं तुलसी विवाह, जानें इससे होने वाले अद्भुत लाभ

मान्यता है कि अगर किसी के विवाह में किसी तरह की बाधा आ रही है या फिर विवाह में देरी हो रही है तो उसे तुलसी विवाह जरूर कराना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से विवाह में आनेवाली बाधाएं दूर होती हैं. इसके अलावा तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन की तमाम परेशानियां दूर होती हैं और दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है

तुलसी विवाह 2019 (Photo Credits: Instagram)

Tulsi Vivah 2019: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे (Basil Plant) को पूजनीय माना जाता है, इसलिए अधिकांश घरों में तुलसी के पौधे (Tulsi) की पूजा की जाती है. इसके अलावा भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के पूजन में तुलसी दल का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और पूजा सफल होती है. हर साल देवउठनी एकादशी यानी प्रबोधिनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) के अगले दिन तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) किया जाता है. इस साल तुलसी विवाह की तिथि 9 नवंबर 2019 को पड़ रही है. माना जाता है कि जो भी व्यक्ति पूरे विधि-विधान से तुलसी विवाह कराता है उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता (Tulsi Mata) का विवाह शालिग्राम (Shaligram) जी से कराते हैं, जो भगवान विष्णु का स्वरूप माने जाते हैं.

मान्यता है कि अगर किसी के विवाह में किसी तरह की बाधा आ रही है या फिर विवाह में देरी हो रही है तो उसे तुलसी विवाह जरूर कराना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से विवाह में आनेवाली बाधाएं दूर होती हैं. इसके अलावा तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन की तमाम परेशानियां दूर होती हैं और दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है. चलिए जानते हैं तुलसी विवाह कैसे करना चाहिए और इसके क्या फायदे होते हैं.

तुलसी विवाह अनुष्ठान की विधि 

हिंदू धर्म में विवाह को सोलह संस्कारों में से एक माना जाता है. जिस तरह के एक लड़की और लड़के का विधिवत विवाह कराया जाता है, ठीक वैसे ही मां तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराया जाता है. इसके लिए विभिन्न मंदिरों से लेकर लोगों के घरों में तुलसी विवाह का अनुष्ठान किया जाता है. यह भी पढ़ें: Tulsi Vivah 2019: तुलसी विवाह कब है? आखिर क्यों कराया जाता है तुलसी-शालिग्राम का विवाह, जानें महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और आरती

तुलसी विवाह कराने के फायदे

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और इसी दिन से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. कई जगहों पर देवउठनी एकादशी के दिन और कई जगहों पर उसके अगले दिन तुलसी-शालिग्राम का विवाह कराया जाता है. मान्यता है कि जिस घर में रोजाना तुलसी की पूजा की जाती है उस घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है, इसलिए अगर आप ये सारे फायदे पाना चाहते हैं तो तुलसी विवाह के दिन विधिवत तुलसी-शालिग्राम का विवाह कराएं.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.

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