Muslim Women's Rights Day: वर्षों से तीन तलाक का दंश झेल रहीं मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक कानून लाकर केंद्र सरकार ने आज़ादी दिलाई. मुस्लिम महिला (Muslim Women) अधिकार संरक्षण कानून बने एक साल पूरा गया है. मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए लाये गये इस कानून को एक साल पूरा होने पर मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मनाया जा रहा है. दरअसल आज ही एक दिन मुस्लिम महिला को अधिकार दिलाने से जुड़ा ऐतिहासिक बिल संसद से पारित गया था और इसी के साथ दशकों पुरानी मांग पूरी हुई थी.
तीन तलाक बिल के लिए पहले सुप्रीम कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कानून बनाने का आदेश दिया, जिसके बाद केंद्र सरकार मे संसद में बिल पारित कर यह कानून बनाया, जिसमें तीन तलाक (Triple Divorce Law) देने को अपराध करार देकर इस प्रथा पर कानूनी तौर पर रोक लगा दी गई. शुक्रवार को इस मौके पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पीएम मोदी के समावेशी सुधार और सोच का नतीजा है कि तीन तलाक का कानून बना और उसके बाद काफी सुधार हुआ है.
लोगों में जागरूकता आयी है, मुस्लिम महिलाओं के आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और आत्मनिर्भर बनाने के रास्ते को साफ करने वाला कानून साबित हो रहा है. वहीं तीन तलाक से जुड़े कानून के एक साल पूरे होने पर मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कानून बनने के बाद तीन तलाक के मामले में 82 प्रतिशत की कमी आई है.
31 जुलाई और 1 अगस्त को तमाम कार्यक्रम का आयोजन किये जाएंगे. देश भर में भी तमाम मुस्लिम महिला संगठन इस मौके पर कार्यक्रम कर रही हैं. इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसार, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने खास कार्यक्रम के जरिए देश भर की मुस्लिम महिलाओं के साथ बातचीत की. वर्चुअल रूप से हुई इस बातचीत में मुस्लिम महिलाओं ने केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए पीएम मोदी का भी आभार जताया.