Telugu Hanuman Jayanthi 2019: तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मनाया जा रहा है हनुमान जयंती का पर्व, यहां 41 दिनों तक लगातार की जाती है बजरंगबली की भक्ति
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में रहने वाले तेलुगु भाषी लोग चैत्र पूर्णिमा से लेकर वैशाख कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि तक 41 दिनों तक हनुमान जी की भक्ति करते हैं, जिसे हनुमान दीक्षा काल कहा जाता है.
Telugu Hanuman Jayanti 2019: हर साल देशभर में चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि (Chaitra Purnima) को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) का पर्व मनाया जाता है. इस साल हनुमान जयंती के इस पर्व को 19 अप्रैल 2019 के दिन देशभर में धूमधाम से मनाया गया, लेकिन दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) और तेलंगाना (Telangana) में रहने वाले तेलुगु (Telugu) भाषी आज यानी 29 मई को हनुमान जयंती का त्योहार मना रहे हैं, जिसे हनुमंथा जयंती (Hanumantha Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है.
तेलुगु कैलेंडर के अनुसार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हनुमान जयंती के पर्व को वैशाख महीने (Vaishakh) के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि यानी दसवें दिन मनाया जाता है. तेलुगु हनुमान जयंती (Telugu Hanuman Jayanthi) का यह पर्व चैत्र पूर्णिमा से शुरु होने वाले 41 दिवसीय हनुमान दीक्षा (अंजनि माला) के समापन का प्रतीक है. यहां तेलुगु भाषी इस पर्व को बेहद अनोखे तरीके से मनाते हैं.
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सभी हनुमान भक्त मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं. इतना ही नहीं 41 दिनों के दीक्षा (Hanuman Deeksha) काल के दौरान हनुमान जी की भक्ति करने के अलावा लोग तीर्थयात्रा भी करते हैं. बता दें कि भारत का सबसे लोकप्रिय हनुमान जयंती का उत्सव हर साल चैत्र पूर्णिमा को मनाया जाता है. मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था. यह भी पढ़ें: Hanuman Jayanti 2019: साल में दो बार मनाया जाता है हनुमान जयंती का पावन पर्व, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक मान्यताएं
41 दिनों तक की जाती हैं हनुमान जी की भक्ति
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में रहने वाले तेलुगु भाषी लोग चैत्र पूर्णिमा से लेकर वैशाख कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि तक 41 दिनों तक हनुमान जी की भक्ति करते हैं, जिसे हनुमान दीक्षा (Hanuman Deeksha) काल कहा जाता है. इस अवधि में भगवान हनुमान यानी अंजनेय (Anjaneya) के सभी भक्त अपने घरों में उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस दौरान वो शराब, मांस, धूम्रपान और सेक्स जैसी चीजों से दूरी बनाकर रखते हैं. दीक्षा काल में सभी भक्त हनुमान दीक्षा माला, नारंगी धोती पहनते हैं और बिना जूते या चप्पल के चलते हैं.
भक्त करते हैं तीर्थस्थलों और मंदिरों की यात्रा
41 दिनों तक चलने वाले हनुमान दीक्षा का समापन भगवान राम और हनुमान जी को समर्पित आंध्र प्रदेश के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों या मंदिरों में दर्शन करने के बाद होता है. इस दौरान भक्त भद्रचलम राम मंदिर, विजयवाड़ा कनक दुर्गा मंदिर और करीमनगर जिले के कोंडागट्टू जैसे मंदिरों में हनुमान जी के दर्शन के लिए जाते हैं. दीक्षा काल के दौरान यहां के तमाम विष्णु मंदिर और हनुमान मंदिरों में भक्तों के लिए दोपहर में मुफ्त भोजन की व्यवस्था की जाती है. यह भी पढ़ें: Hanuman Jayanti 2019: झारखंड की इस गुफा में हुआ था हनुमान जी का जन्म, यहां माता अंजनी की गोद में बैठे दिखाई देते हैं बजरंगबली
दीक्षा काल के दौरान करीमनगर जिले का कोंडागट्टू हनुमान मंदिर, पश्चिम गोदावरी जिले में स्थित श्री मद्दी अंजनेय स्वामी मंदिर, अनंतपुर जिले में स्थित कासापुरम नेत्रिकांति अंजनेय स्वामी मंदिर और यहां के तमाम हनुमान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है.
गौरतलब है कि हनुमान जयंती के दिन हनुमान दीक्षा का समापन होता है. ऐसे में इस बेहद खास मौके पर भक्त भगवान हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, सुंदरकांड और बजरंगबाण का पाठ करते हैं.