Swaminarayan Jayanti 2024 Wishes: स्वामीनारायण जयंती की इन WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
स्वामीनारायण की शिक्षाएं हमें सत्य, अहिंसा, शाकाहार और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं. स्वामीनारायण के जीवन और उनकी शिक्षाओं का उत्सव मनाने के लिए उनके जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. ऐसे में इस अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर स्वामीनारायण जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Swaminarayan Jayanti 2024 Wishes in Hindi: हिंदू धर्म के प्रमुख संत और भगवान विष्णु के अवतार कहे जाने वाले भगवान स्वामीनारायण (Bhagwan Swaminarayan) के जन्मोत्सव को स्वामीनारायण जयंती (Swaminarayan Jayanti) के तौर पर धूमधाम से मनाया जाता है. उनका जन्म गुजरात के गांधीनगर में सन 1781 में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. उनके जन्मोत्सव को भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में स्वामीनारायण समुदायों द्वारा बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस अवसर पर स्वामीनारायण मंदिरों को फूलों और मालाओं से भव्य तरीके से सजाया जाता है. विधि-विधान से भगवान स्वामीनारायण की पूजा-अर्चना की जाती है और भजन-कीर्तन किए जाते हैं. इस दिन उनके जीवन और उनकी शिक्षाओं के बारे में बताया जाता है, जिसका उद्देश्य भक्तों को आध्यात्मिक जीवन जीने और भगवान के करीब जाने में मदद करना है.
स्वामीनारायण की शिक्षाएं हमें सत्य, अहिंसा, शाकाहार और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं. स्वामीनारायण के जीवन और उनकी शिक्षाओं का उत्सव मनाने के लिए उनके जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. ऐसे में इस अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर स्वामीनारायण जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
2- स्वामीनारायण जयंती की हार्दिक बधाई
3- हैप्पी स्वामीनारायण जयंती
4- स्वामीनारायण जयंती 2024
5- शुभ स्वामीनारायण जयंती
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा स्थल पर विधिवत स्वामीनारायण की पूजा करनी चाहिए. पूजन के लिए उनकी प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराने के बाद उन्हें पुष्पों से सजाएं, फिर रोली, अक्षत, हल्दी, पीला चंदन, पुष्प आदि अर्पित करें. उन्हें मौसमी फल और मिठाई अर्पित करें, पूजन के बाद आरती कर प्रसाद वितरित करें. कहा जाता है कि सिर्फ 11 साल की उम्र में स्वामीनारायण तीर्थ यात्रा पर निकल गए थे और लगातार सात साल तक उन्होंने तीर्थयात्राएं कीं. एक दिन सहजानंद स्वामी ने उन्हें स्वामीनारायण मंत्र की शिक्षा दी, जिसके बाद से उन्हें स्वामीनारायण कहा जाने लगा.