Swami Vivekananda Punyatithi 2021 Quotes: स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर इन महान और प्रेरणादायी विचारों को अपनों संग शेयर करके उन्हें करें याद
स्वामी विवेकानंद ने अपनी शिक्षाओं और अपनी विचारधाराओं से पूरे विश्व में लाखों लोगों को प्रभावित किया है. स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आप भी उनके इन महान और प्रेरणादायी विचारों को अपनों के साथ सोशल मीडिया के जरिए शेयर करके उन्हें याद कर सकते हैं. ये विचार हर व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करने में सहायक हो सकते हैं.
Swami Vivekananda Punyatithi 2021 Quotes: आज स्वामी विवेकानंद जी की 119वीं पुण्यतिथि (Swami Vivekananda Punyatithi) मनाई जा रही है. उनका जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ था, जबकि स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का निधन 4 जुलाई 1902 को हुआ था. स्वामी विवेकानंद एक ऐसी महान शख्सियत रहे हैं, जिन्होंने वेदांत और योग के भारतीय दर्शन को पश्चिमी दुनिया तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य विवेकानंद ने 1893 में अमेरिका के शिकागो की धर्म संसद में भाषण देकर दुनिया को इस बात का एहसास दिलाया था कि भारत विश्वगुरु है. वो एक ऐसे महापुरुष थे, जिनके विचार हमेशा से ही युवाओं को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे हैं.
स्वामी विवेकानंद ने अपनी शिक्षाओं और अपनी विचारधाराओं से पूरे विश्व में लाखों लोगों को प्रभावित किया है. स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आप भी उनके इन महान और प्रेरणादायी विचारों को अपनों के साथ सोशल मीडिया के जरिए शेयर करके उन्हें याद कर सकते हैं. ये विचार हर व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करने में सहायक हो सकते हैं.
1- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है.
2- उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए.
3- तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता. तुम्हे सब कुछ खुद अंदर से सीखना है, क्योंकि आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही है.
4- सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.
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5- दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.
6- ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं. वो हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है.
7- विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं.
8- किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.
गौरतलब है कि कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली परिवार में जन्में स्वामी विवेकानंद को बचपन में नरेंद्रनाथ दत्त के नाम से पुकारा जाता था. उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था, जो कि पेशे से एक वकील थे और उनकी माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था. बचपन से ही स्वामी विवेकानंद योगी स्वभाव के थे और छोटी सी उम्र से ही वो ध्यान किया करते थे. जब वो 25 साल के हुए तो उन्होंने संन्यास धारण कर लिया और उन्होंने भारत के नैतिक और जीवन के मूल्यों से पूरी दुनिया को रूबरू कराया.