Swami Vivekananda Jayanti 2024 Quotes: भारत के महानतम आध्यात्मिक नेताओं में से एक जिसने हिंदू दर्शन की महिमा को वैश्विक मंच पर लाने का कार्य किया वह केवल और केवल स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ही हो सकते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था, जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार उनका जन्म पौष माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस साल तिथि के हिसाब से उनकी जयंती (Swami Vivekananda Jayanti) 2 फरवरी को मनाई जा रही है. कलकत्ता (अब कोलकाता) के एक सुशिक्षित कायस्थ परिवार में जन्में नरेंद्र नाथ दत्त यानी स्वामी विवेकानंद का बालपन से अध्यात्म की ओर रुझान था. किशोरावस्था तक आते-आते वह दक्षिणेश्वर के महान संत स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बन गए. रामकृष्ण परमहंस की आध्यात्मिक शक्ति और भक्ति से प्रभावित होकर विवेकानंद ने संन्यास धारण कर घर त्याग दिया.
स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को भारतीय वेदांत और योग के दर्शन से परिचित करा कर दुनिया के मानचित्र पर भारत की एक अमिट छाप छोड़ी. साल 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद दिये गये उनके भाषण के पश्चात दुनिया का भारत के प्रति देखने का नजरिया बदल दिया. आज स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके कुछ कालजयी कोट्स प्रस्तुत करते हैं.
1- शक्ति ही जीवन है, कमजोरी ही मृत्यु है,
विस्तार ही जीवन है, संकुचन ही मृत्यु है,
प्रेम जीवन है, घृणा मृत्यु है.
2- दिन में एक बार खुद से बात करें, नहीं तो आप इस दुनिया में किसी बुद्धिमान व्यक्ति से मिलने से चूक जाएंगे.
3- सच्ची सफलता, सच्ची खुशी का मुख्य रहस्य यह है, कि वह पुरुष या महिला जो कोई रिटर्न नहीं मांगता, पूरी तरह से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल होता है.
4- जिस दिन आपके सामने कोई समस्या न आए, आप निश्चिंत हो सकते हैं कि आप गलत रास्ते पर चल रहे हैं.
5- दिल और दिमाग के बीच संघर्ष की स्थिति में अपने दिल की बात सुनें.
6- आप एक विचार चुनें, उसे अपने जीवन में ढाल लें. इसका सपना देखें, ज़रा सोचें, उस विचार को जियें. मस्तिष्क, शरीर, मांसपेशियों, तंत्रिकाओं, शरीर के हर हिस्से को उस विचार भरें, शेष सभी विचारों को त्याग दें, यही सफलता का रास्ता है और इसी तरह महान आध्यात्मिक दिग्गज पैदा होते हैं.
7- आपको अंदर से बाहर तक बढ़ना होगा. आपको कोई सिखा नहीं सकता, कोई दूसरा आपको आध्यात्मिक नहीं बना सकता. आपकी अपनी आत्मा के अलावा आपका कोई शिक्षक नहीं है.
8- सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा उस उम्मीद को खो देना जिसके भरोसे हम सब कुछ वापस पा सकते हैं.
9- पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है। फिर विरोध होता है। अंत में उसे स्वीकार कर लिया जाता है.
गौरतलब है कि हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस यानी नेशनल यूथ डे (National Youth Day) के तौर पर मनाया जाता है. साल 1984 में भारत सरकार ने स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की थी, जिसका मकसद देश के महान समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक स्वामी विवेकानंद जी के महान विचारों और उनके आदर्शों से युवाओं को अवगत करना है.