Surya Grahan 2020: 'रिंग ऑफ फायर' होगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, देश में कहीं वलयाकार तो कहीं आंशिक तौर पर दिखेगी यह खगोलीय घटना

साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगने वाला है. इस खगोलीय घटना के दौरान सूर्य रिंग ऑफ फायर की तरह दिखाई देगा. इस खगोलीय घटना को देश के उत्तरी भाग में स्थित राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के हिस्सों में वलयाकार अवस्था में देखा जा सकेगा, जबकि देश के अन्य हिस्सों में आंशिक तौर पर सूर्य ग्रहण का नजारा दिखाई देगा.

सूर्य ग्रहण 2020 (Photo Credits: Pixabay)

Surya Grahan 2020: साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 21 जून को लगने वाला है. इस खगोलीय घटना (Astronomical Event) के दौरान सूर्य 'रिंग ऑफ फायर' (Ring Of Fire) की तरह दिखाई देगा. रिंग ऑफ फायर यानी कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूरज को पूरी तरह से ढंक लेगा और चमकते हुए सूर्य (Sun) का केवल बाहरी हिस्सा ही दमकता हुआ दिखाई देगा. भारतीय समयानुसार, ग्रहण सुबह 09.15 बजे से शुरू होगा और दोपहर 03.04 बजे तक रहेगा. पूर्ण ग्रहण 10 बजकर 17 मिनट पर होगा, लेकिन रिंग ऑफ फायर का यह अद्भुत नजारा केवल 12 मिनट तक ही देखा जा सकेगा. इस खगोलीय घटना को अफ्रीका, पाकिस्तान के दक्षिणी भाग, उत्तरी भारत और चीन में देखा जा सकेगा.

21 जून 2020 को इस खगोलीय घटना को देश के उत्तरी भाग में स्थित राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के हिस्सों में वलयाकार अवस्था में देखा जा सकेगा, जबकि देश के अन्य हिस्सों में आंशिक तौर पर सूर्य ग्रहण का नजारा दिखाई देगा. वलयाकार ग्रहण की अधिकतम अवस्था में सूर्य का आच्छादन करीब 98.6 फीसदी होगा, जबकि आंशिक अवस्था में चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन दिल्ली में करीब 94 फीसदी, गुवाहाटी में 80 फीसदी, पटना में 78 फीसदी, कोलकाता में 66 फीसदी, मुंबई में 62 फीसदी, बैंगलोर में 37 फीसदी होगा. विस्तृत जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

दरअसल, सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन तब घटित होता है, जब चंद्रमा और पृथ्वी के बीच सूर्य आ जाता है और ये तीनों एक ही सीध में होते हैं. सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया धरती पर पड़ती है और जिस जगह पर चंद्रमा की छाया पड़ती है, वहां आंशिक रूप से अंधेरा छा जाता है. कुंडलाकार यानी रिंग ऑफ फायर का नजारा तब दिखता है, जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढंक नहीं पाता है और सूर्य के बाहरी किनारे प्रकाशित होते हैं, जिससे सूर्य एक अंगूठी की तरह दिखाई देता है. यह भी पढ़ें: Annular Solar Eclipse 2020: साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को, जानें इस ग्रहण का समय और 'रिंग ऑफ फायर' से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

गौरतलब है कि सूर्य ग्रहण की खगोलीय घटना को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, वरना आंखों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है और आंखों की रोशनी भी जा सकती है. ग्रहण को देखने के लिए यूवी फिल्टर्ड ग्रहण चश्में का इस्तेमाल करना चाहिए या फिर वैकल्पिक रूप से ग्रहण को गिफ्ट रैप करने वाले शीट की मदद से भी देखा जा सकता है.

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