Subho Panchami 2021 HD Images: सुभो महा पंचमी! दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करें ये WhatsApp Wishes, Facebook Messages, GIFs, Photo SMS और वॉलपेपर्स
दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले यानी महा पंचमी तिथि पर बंगाली समुदाय के लोग एक-दूसरे को सुभो महा पंचमी कहकर बधाई देते हैं. आप भी नवरात्रि के पांचवे दिन यानी पंचमी तिथि पर इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करके उन्हें सुभो महा पंचमी कह सकते हैं.
Subho Panchami 2021 HD Images: देशभर में आदिशक्ति मां दुर्गा (Maa Durga) की उपासना के पावन पर्व नवरात्रि (Navratri) की धूम मची हुई है और हर कोई देवी के विभिन्न स्वरूपों की भक्ति में डूबा हुआ है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की शुरुआत होती है, जबकि दुर्गा पूजा का आगाज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से होता है. दुर्गा पूजा को दुर्गा पूजो (Durga Pujo) भी कहा जाता है, जो महिषासुर नामक असुर पर देवी दुर्गा की विजय का प्रतीक है. दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja Festival) को महा पंचमी (Maha Panchami) से विजयादशमी (Vijayadashami) तक मनाया जाता है. महा पंचमी को देवी का आह्वान किया जाता है और उसके अगले दिन यानी षष्ठी तिथि को देवी दुर्गा के मुख का अनावरण किया जाता है, इसलिए नवरात्रि की पंचमी तिथि का विशेष महत्व बताया जाता है.
दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले यानी महा पंचमी तिथि पर बंगाली समुदाय के लोग एक-दूसरे को सुभो महा पंचमी कहकर बधाई देते हैं. आप भी नवरात्रि के पांचवे दिन यानी पंचमी तिथि पर इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करके उन्हें सुभो महा पंचमी कह सकते हैं.
1- सुभो महा पंचमी 2021
2- सुभो महा पंचमी 2021
3- सुभो महा पंचमी 2021
4- सुभो महा पंचमी 2021
5- सुभो महा पंचमी 2021
गौरतलब है कि महा पंचमी के दिन बंगाली समुदाय द्वारा विभिन्न अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं. हालांकि पिछले साल की तरह इस साल भी कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते कोरोना नियमों का पालन करते हुए नवरात्रि और दुर्गा पूजा के पर्व को मनाया जा रहा है. नवरात्रि के पर्व को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है.