Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 Quotes: सुभाष चंद्र बोस जयंती पर उनके इन 10 क्रांतिकारी व महान विचारों को करें अपनों संग शेयर
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद फौज की स्थापना की और अपनी फौज में महिला रेजिमेंट का गठन किया, जिसे रानी झांसी रेजिमेंट के नाम से जाना जाता था. उन्होंने अपने क्रांतिकारी विचारों से युवाओं में जोश भरने का काम किया था. ऐसे में सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर आप नेताजी के इन 10 क्रांतिकारी विचारों को अपनों संग शेयर करके उन्हें नमन कर सकते हैं.
Revolutionary Quotes of Netaji Subhash Chandra Bose: हर साल 23 जनवरी को भारत के वीर क्रांतिकारियों में शुमार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती (Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti) मनाई जाती है. इस साल उनकी 127वीं जयंती मनाई जा रही है. ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा’ का नारा बुलंद करने वाले नेताजी (Netaji) का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी थी, उनके 7 भाई और 6 बहने थीं. सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) देश के उन महान क्रांतिकारियों में शुमार हैं, जिन्होंने अपने प्राणों की चिंता किए बिना ही अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद की. वैसे तो शुरुआत में वे महात्मा गांधी के साथ देश की आजादी की लड़ाई से जुड़े, लेकिन फिर बाद में उनसे अलग होकर नेताजी ने साल 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद फौज की स्थापना की और अपनी फौज में महिला रेजिमेंट का गठन किया, जिसे रानी झांसी रेजिमेंट के नाम से जाना जाता था. उन्होंने अपने क्रांतिकारी विचारों से युवाओं में जोश भरने का काम किया था. ऐसे में सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर आप नेताजी के इन 10 क्रांतिकारी विचारों को अपनों संग शेयर करके उन्हें नमन कर सकते हैं.
1- तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा.
2- आजादी मिलती नहीं, बल्कि इसे छीनना पड़ता है.
3- याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है.
4- सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है.
5- यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े, तब भी वीरों की भांति झुकना.
6- मुझे जीवन में एक निश्चित लक्ष्य को पूरा करना है, मेरा जन्म उसी के लिए हुआ है. मुझे नैतिक विचारों की धारा में नहीं बहना है.
7- संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, इसी से मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ, जो पहले नहीं था.
8- मुझे यह नहीं मालूम कि आजादी की लड़ाई में हममें से कौन जीवित बचेगा, लेकिन मैं यह जानता हूं कि अंत में जीत हमारी ही होगी.
9- अपनी ताकत पर विश्वास करो, उधार की ताकत आपके लिए घातक हो सकती है.
10- हिंदुस्तान हमारी इस कुर्बानी को जरूर याद रखेगा, शायद समझ नहीं पाएगा... पर याद जरूर करेगा.
गौरतलब है कि कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई करने के बाद उन्होंने साल 1913 में कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया था. उनके पिता जानकीनाथ बोस चाहते थे कि नेताजी भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाएं, इसलिए सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए उन्हें इंग्लैंड के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी भेजा गया था. उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में चौथा स्थान हासिल किया और इस पद पर कार्यरत भी रहे, लेकिन फिर आजादी की लड़ाई के लिए उन्होंने सब छोड़ दिया. नेताजी ने 18 अगस्त 1945 को अंतिम सांस ली थी.