Subhash Chandra Bose Jayanti 2021 Messages in Hindi: भारत के स्वतंत्रता संग्राम (Indian Freedom Struggle) के दौरान 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा' का नारा बुलंद करने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती (Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti) हर साल 23 जनवरी को मनाई जाती है. उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था. आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) भारत की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे. उन्होंने आजाद हिंद फौज तैयार करके अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था. इस साल केंद्र सरकार ने नेताजी की 125वीं जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है, ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका सत्कार किया जा सके.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानियों और प्रतिष्ठित भारतीय नेताओं में शुमार है. उनकी जयंती के इस खास अवसर पर आप इन शानदार मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और प्रियजनों को सुभाष चंद्र बोस जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- सुभाष चंद्र बोस वीर हैं, योगी हैं,
वह त्यागी हैं और संन्यासी हैं,
भारतीयों के दिलों में बसने वाले,
सबसे प्यारे भारतवासी हैं.
सुभाष चंद्र बोस जयंती की शुभकामनाएं
2- अंग्रेजों की औकात दिखाने को ठानी थी,
इसलिए तो आजाद हिंद फौज बना डाली थी.
सुभाष चंद्र बोस जयंती की शुभकामनाएं
3- नेता बनना है तो सुभाष जी को दिल में बसा लो,
तुम भी भारत की कुछ मुश्किलों का हल निकालो.
सुभाष चंद्र बोस जयंती की शुभकामनाएं
4- तुम मुझे खून दो,
मैं तुम्हें आजादी दूंगा.
सुभाष चंद्र बोस जयंती की शुभकामनाएं
5- भारत बुला रहा है, खून खौल रहा है,
उठो, हमारे पास खोने का समय नहीं है.
सुभाष चंद्र बोस जयंती की शुभकामनाएं
सुभाष चंद्र बोस एक क्रांतिकारी नेता थे और वो किसी भी कीमत पर अंग्रेजों से कोई समझौता नहीं करना चाहते थे. शुरुआत में नेताजी महात्मा गांधी के साथ देश को आजाद कराने की मुहिम से जुड़े रहे, लेकिन बाद में उन्होंने अलग होकर 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की. उन्होंने आजाद हिंद फौज को काफी शक्तिशाली बनाया और उसे आधुनिक रूप से तैयार किया. इसके साथ ही उन्होंने अपनी फौज में महिला रेजिमेंट का गठन किया था, जिसे रानी झांसी रेजिमेंट भी कहा जाता था.