सूर्य ग्रहण 2021: जानें आंशिक सूर्य ग्रहण में भी क्या करें क्या ना करें!
आंशिक सूर्य ग्रहण हो या पूर्ण सूर्य ग्रहण इसे नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. अगर आप सूर्य ग्रहण का नजारा देखना ही चाहते हैं तो घिसे हुए कांच अथवा बाल्टी के पानी में उसकी परछाईं में सूर्य ग्रहण का नजारा देख सकेंगे. इससे आपकी आंखे सुरक्षित रहेंगी.
अमावस्या (Amavasya) के दिन चंद्रमा (Moon) जब सूर्य (Sun) और पृथ्वी (Earth) के बीच आता है तो सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है. चंद्रमा जब पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है, तब की स्थिति को पूर्ण सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) कहा जाता है, लेकिन जब चंद्रमा सूर्य की छाया को पूरी तरह से ढक नहीं पाता तब सूर्य एक चमकते हुए रिंग की तरह दिखता है, इसे वलयाकार ग्रहण कहते हैं. यद्यपि इस बार भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण की स्थिति बन रही है. और सूतक काल मान्य नहीं है. लेकिन कुछ स्थितियां ऐसी निर्मित हो रही हैं कि सूर्य ग्रहण काल में आपको कुछ कार्य जहां आवश्यक रूप से करना चाहिए तो वहीं कुछ कार्य से बचना भी चाहिए. आइये जानें क्या करें और क्या नहीं करें. Solar Eclipse 2021: कब है साल का पहला सूर्य ग्रहण? इस दिन शनि जयंती होने से क्या होगा ग्रहण का असर? क्या है ‘रिंग ऑफ फायर’?
ये कार्य हरगिज नहीं करें
* आंशिक सूर्य ग्रहण हो या पूर्ण सूर्य ग्रहण इसे नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. अगर आप सूर्य ग्रहण का नजारा देखना ही चाहते हैं तो घिसे हुए कांच अथवा बाल्टी के पानी में उसकी परछाईं में सूर्य ग्रहण का नजारा देख सकेंगे. इससे आपकी आंखे सुरक्षित रहेंगी.
* सूर्य ग्रहण के समय देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को न छूना चाहिए ना ही उनकी पूजा करनी चाहिए. इससे प्रतिमाएं दूषित हो जाती हैं, अच्छा होगा कि ग्रहणकाल में मंदिर को परदे से ढक दें.
* आंशिक सूर्य ग्रहण के दरम्यान भी गर्भवती महिलाओं को रसोई के किसी भी कार्यों से दूर रहना चाहिए. यहां तक की सूई धागे अथवा सिलाई का कार्य भी नहीं करना चाहिए.
* सूर्य ग्रहण काल में किसी सुनसान अथवा कब्रिस्तान इत्यादि जगहों से नहीं गुजरना चाहिए, क्योंकि कहा जाता है कि ग्रहण काल में नकारात्मक शक्तियां अत्यंत प्रभावी होती हैं, किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.
* ग्रहण काल के दरम्यान कोई भी नया या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. इससे किये गये कार्यों में सफलता की संभावना लगभग नहीं के बराबर होती है.
* सूर्य ग्रहण काल में कुछ भी खाने से बचना चाहिए.
* ग्रहण काल में बालों में तेल लगाना, केश बनाना, संभोग करना, मंजन करना, वस्त्र निचोड़ने आदि से बचना चाहिए.
ये कार्य अवश्य करें
* ग्रहण शुरु होने से पूर्व बने हुए खाद्य पदार्थ एवं दूध इत्यादि में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए. इससे इन पर ग्रहण का असर नहीं पड़ता.
* ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद घर के सभी सदस्यों को स्नान अवश्य करना चाहिए. घर के मंदिर पर गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करना चाहिए.
* ग्रहण के बुरे असर से बचने के लिए ग्रहण खत्म होने के बाद गरीबों अथवा ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए अथवा वस्त्र एवं अन्न का दान करना चाहिए.
* हिंदू धर्मानुसार ग्रहण काल खत्म होते ही घर की अच्छी तरह साफ-सफाई करनी चाहिए. इससे ग्रहणकाल में सक्रिय हुई नकारात्मक शक्तियां घरों में प्रवेश कर जाती हैं. साफ-सफाई से उन नकारात्मक शक्तियां स्वतः खत्म हो जाती हैं.
* ग्रहण के समय पहने हुए सारे वस्त्रों को स्नान करने के बाद दूसरे वस्त्र पहनना चाहिए.
* ग्रहण खत्म होने के पश्चात शिव जी का स्त्रोत पढकर पूजा करनी चाहिए.
* ग्रहण खत्म होने के बाद गाय को हरी घास पक्षियों को दाना आदि खिलाने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.