Sita Navami 2024 Sanskrit Wishes in Hindi: सनातन धर्म में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का विशेष महत्व बताया जाता है, क्योंकि इस पावन तिथि को सीता नवमी (Sita Navami) के तौर पर मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी पावन तिथि को माता सीता (Mata Sita) धरती से प्रकट हुई थीं. इस दिन माता सीता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करना बहुत फलदायी माना जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती है, ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर माता सीता की पूजा करने से विवाहित महिलाएं के जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है. वहीं अविवाहित कन्याएं अगर इस दिन व्रत रखती हैं तो इससे उनके विवाह के योग बनते हैं और उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है. इस दिन माता सीता और श्रीराम की पूजा करने से माता लक्ष्मी और श्रीहरि की कृपा भी प्राप्त होती है.
सीता नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद पूजा स्थल पर एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं, फिर माता सीता और श्रीराम की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद फल, फूल, मिठाई, धूप-दीप इत्यादि से विधिवत पूजन करें, साथ ही अपनों को इसकी शुभकामनाएं भी दें. सीता नवमी पर संस्कृत में अपनों को बधाई देने के लिए आप उनके साथ ये विशेज, श्लोक, मंत्र, वॉट्सऐप स्टेटस और जीआईएफ ग्रीटिंग्स को शेयर कर सकते हैं.
2- दारिद्र्यारणसंहर्त्रिं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।
विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥
भावार्थ: आप गरीबी का नाश करने वाली और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली हैं. आप राजा जनक की बेटीं हैं और श्रीराम के आनंद का कारण हैं.
3- भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवम् ।
पौलस्त्यैश्वर्यसंहत्रिं भक्ताभीष्टां सरस्वतीम् ॥
भावार्थ: मैं आपको नमस्कार करता हूं, आप पृथ्वी की बेटी, ज्ञान का अवतार और आप शुभ प्रकृति हैं. साथ ही भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने वाली हैं, आप सरस्वती का अवतार हैं.
4- आत्मविद्यां त्रयीरूपमुमारूपां नमाम्यहम् ।
प्रसादाभिमुखीं लक्ष्मीं क्षीरबधितान्यां शुभाम् ॥
भावार्थ: मैं आपको नमन करता हूं, आप तीन वेदों में वर्णित आत्मविद्या की अवतार हैं. आप देवी उमा के स्वरूप की हैं, आप शुभ लक्ष्मी हैं, क्षीर सागर की बेटी हैं और हमेशा भक्तों पर कृपा करती हैं.
5- पद्माल्यं पद्महस्तां विष्णुवक्षःस्थलालयम् ।
नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभन्नाम् ॥
भावार्थ: आप देवी लक्ष्मी के रूप में अपने हाथों में धारण करती हैं और सदैव श्रीहरि के हृदय में निवास करती हैं. आप चंद्र मंडल में निवास करती हैं, आप सीता हैं जिनका मुख चंद्रमा के समान सुंदर है.
ऐसी मान्यता है कि सीता नवमी के दिन विधि-विधान से माता सीता और भगवान राम की पूजा करने के पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. माता सीता की पूजा करने से घर में क्लेश नहीं होता है और आर्थिक संपन्नता आती है. कहा जाता है कि जो स्त्रियां संतान प्राप्ति की इच्छा रखती हैं, उनकी यह इच्छा भी माता सीता की पूजा करने से पूरी हो सकती है.