Sharad Navratri 2023 Rangoli Designs: शारदीय नवरात्रि पर मनमोहक रंगोली बनाकर करें मां दुर्गा का स्वागत, देखें खूबसूरत और लेटेस्ट डिजाइन्स
नवरात्रि 2023 रंगोली डिजाइन (Photo Credits: Instagram/Youtube)

Sharad Navratri 2023 Rangoli Designs: शरद नवरात्रि (Sharad Navratri) या शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) का पर्व मां दुर्गा (Maa Durga) की उपासना का नौ दिवसीय पावन उत्सव है, जिसे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों और दस महाविद्याओं की उपासना के इस पावन पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल अश्विन मास की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है और विजयादशमी (Vijayadashami) यानी दशहरा (Dussehra) के साथ इसका समापन होता है. इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से 24 अक्टूबर 2023 तक मनाई जाएगी. नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक भक्त व्रत रखकर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और नवरात्रि का हर दिन मां दुर्गा के एक विशेष स्वरूप को समर्पित होता है. इस उत्सव के पहले दिन कलश स्थापना (Kalash Sthapana) कर मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है और मुख्य द्वार पर रंगोली (Rangoli) बनाकर लोग मां आदिशक्ति का स्वागत करते हैं.

शारदीय नवरात्रि की शुभता को बढ़ाने के लिए महिलाएं घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाती हैं और देवी दुर्गा का स्वागत करती हैं. इसके साथ ही वो अपने घर-परिवार की खुशहाली के लिए माता रानी से प्रार्थना करती हैं. ऐसे में आप भी शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गा का स्वागत करने के लिए अपने घर-आंगन में रंगोली बना सकती हैं. इसके लिए आप इन खूबसूरत और लेटेस्ट डिजाइन्स की मदद ले सकते हैं.

मां दुर्गा के मुख वाली रंगोली

कलश वाली खूबसूरत रंगोली

 

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नवरात्रि के लिए आसान रंगोली डिजाइन

घटस्थापना के लिए ईजी रंगोली

नवरात्रि स्पेशल लेटेस्ट रंगोली डिजाइन

मां दुर्गा की छवि वाली मनमोहक रंगोली

नवरात्रि और दुर्गा पूजा स्पेशल रंगोली

मां दुर्गा के मुख वाली सुंदर रंगोली

गौरतलब है कि साल भर में मनाई जाने वाली चार नवरात्रियों में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व बताया जाता है. इस पर्व को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. कहीं रामलीला का आयोजन किया जाता है तो कहीं गरबा और डांडिया की धूम देखने को मिलती है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध करते हुए मां दुर्गा ने दसवें दिन उसका अंत किया था, इसलिए महा नवमी के बाद दसवें दिन विजयादशमी मनाई जाती है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है.