Shakambhari Navratri 2020: कब है शाकंभरी नवरात्रि, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और महत्व
शाकंभरी नवरात्रि 2020, (Photo Credits: File Image)

Shakambhari Navratri 2020: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार शाकंभरी नवरात्रि पौष महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमीतिथी को पड़ती है. ये पौष महीने की पूर्णिमा तक मनाई जाती है. गुप्त नवरात्रि की तरह शाकंभरी नवरात्रि का भी बहुत महत्व है. शाकंभरी मां दुर्गा का ही एक स्वरुप है. उनके सिर पर मौजूद मुकुट उनकी महाविद्या को दर्शाता है. उनकी उज्जवल आंखें अपने बच्चों के दुःख का पता लगाने के लिए तत्पर रहती हैं. उनके माथे पर तीन आखें है, जो उनके वास्तविक ज्ञान का प्रतिक है. उनके दाहिने हाथ में कमल का फूल है और बाएं हाथ में एक धनुष और बाण है. अपने नीचले हाथ में जड़ी-बूटियां, फूल, सब्जियां और जड़ों को पकड़े हुए हैं, जिससे पता चलता है कि मां शाकंभरी वनस्पति की देवी हैं.

जिस तरह मां अन्नपूर्णा अन्न की देवी हैं, उसी तरह देवी शाकंभरी सब्जियों और साग से संबंधित दैवीय शक्ति हैं. ‘शाका’का संस्कृत अर्थ है शाकाहारी भोजन और ’अम्बारी’ का अर्थ है पालन करना. मां शाकंभरी देवी दुर्गा के अवतारों में से एक हैं. मां शाकंभरी ने मानव जगत के कल्याण के लिए अवतार लिया.

शाकंभरी माता व्रत कथा:

पौराणिक कथा अनुसार एक बार पृथ्वी पर गंभीर सूखा पड़ा और लगभग सौ वर्षों तक बारिश का कोई निशान नहीं था. भोजन और पानी की कमी के कारण पृथ्वी के सभी जीव जंतू धीरे-धीरे समाप्त होने लगे. इस हाहाकार से सभी देवता परेशान हो गए, इस दुर्दशा से उबरने के लिए वे सर्वशक्तिमान मां दुर्गा के पास गए. देवताओं द्वारा प्रार्थना करने पर मां दुर्गा शाकंभरी रूप में वहां प्रकट हुईं. हरी पत्तियों, फलों और सब्जियों से लिपटी हुई मां ने धरती के सभी प्राणियों की भूख और प्यास को संतुष्ट करने के लिए आवश्यक सभी चीजें प्रदान कीं. उनके आशीर्वाद से पृथ्वी पर बारिश हुई और पृथ्वी पर जीवन वापस आ गया.

शाकंभरी नवरात्रि तिथि:

नवरात्रि का अर्थ है नौ रातों का उत्सव. सभी नवरात्रि की तरह ये नवरात्रि को भी नौ दिनों तक मनाई जाती है. हिंदू कैलेंडर के पौष माह में अष्टमी के दिन शाकंभरी नवरात्रि शुरू होती है और शाकंभरी पूर्णिमा के दिन तक चलती है. इस साल शाकंभरी नवरात्रि 3 जनवरी 2020 से शुरू होगी और 10 जनवरी तक चलेगी.

शुभ मुहूर्त:

दृघ पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 10 जनवरी, 2020 को प्रातः 02:34 बजे शुरू होगी और 11 जनवरी, 2020 को प्रातः 12:50 बजे समाप्त होगी.

पौराणिक कथा अनुसार शाकंभरी मां ने 100 वर्षों तक तप किया, महीने के अंत में एक बार शाकाहारी भोजन कर तप किया था. पृथ्वी पर जहां पानी भी नहीं था, तप से उन्होंने अपने अंगों पर कई प्रकार की शाक, फल और वनस्पतियां प्रकट की और इससे लोगों का भरण पोषण किया. इसलिए ये शाकंभरी कहलाईं.