Shaheed Diwas 2021 HD Images: शहीद दिवस पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को करें याद, भेजें ये WhatsApp Stickers, Facebook Messages और फोटोज
शहीद दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

Shaheed Diwas 2021 HD Images: भारत के स्वंत्रता संग्राम (Freedom Fight) के क्रांतिकारियों भगत सिंह (Bhagat Singh), उनके साथी राजगुरु (Rajguru) और सुखदेव (Sukhdev) को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण घटनाओं में शुमार है. आज ही के दिन यानी 23 मार्च 1931 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश के वीर क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, इसलिए इनके बलिदान को याद करते हुए इस दिवस को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) के तौर पर मनाया जाता है. दरअसल, जनता के आक्रोश और विरोध प्रदर्शनों से घबराए अंग्रेजी हुकूमत के अफसरों ने फांसी का दिन और समय बदल दिया. उन्होंने फांसी के लिए निर्धारित दिन से एक दिन पहले ही तीनों को फांसी दे दी. हालांकि अपने आखिरी समय तक भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव 'मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे बंसती चोला' गीत गा रहे थे.

स्वतंत्रता संग्राम के वीर क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस यानी शहीद दिवस पर तमाम देशवासी उन्हें याद करते हैं और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. शहीद दिवस पर आप भी भारत माता के इन वीर सपूतों की वीरगाथा को याद करके उन्हें नमन कर सकते हैं. इसके साथ ही इन एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस और फोटोज को अपने प्रियजनों के साथ शेयर कर सकते हैं.

1- शहीद दिवस 2021

शहीद दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

2- शहीद दिवस 2021

शहीद दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

3- शहीद दिवस 2021

शहीद दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

4- शहीद दिवस 2021

शहीद दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

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5- शहीद दिवस 2021

शहीद दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

6- शहीद दिवस 2021

शहीद दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

कहा जाता है कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी देने के लिए अंग्रेजी हुकूमत के अधिकारियों ने 24 मार्च की सुबह का समय तय किया था, लेकिन लोगों के आक्रोश को देखते हुए एक दिन पहले ही यानी 23 मार्च की रात को ही इन क्रांति-वीरों को फांसी दे दी गई. दरअसल, तीनों क्रांतिकारियों को फांसी देने का ऐलान पहले ही किया जा चुका था, जिससे यह खबर देश में आग की तरह फैल गई और जन आक्रोश भड़क उठा, इसलिए उन्हें एक दिन पहले ही फांदी दे दी गई.