हिंदू पंचांग के अनुसार साल के प्रत्येक माह की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव एवं देवी पार्वती की पूजा का विधान है. श्रावण मास की शिवरात्रि का भी महाशिवरात्रि जितना प्रभाव होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अनुष्ठान करने से जीवन के सारे कष्ट एवं पाप नष्ट हो जाते हैं. जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. इस वर्ष श्रावण मास की शिवरात्रि का व्रत 15 जुलाई 2023, शनिवार को रखा जाएगा. आइये जानें श्रावण मास की शिवरात्रि के बारे में विस्तार से...यह भी पढ़ें: Shrawan Maas 2023: क्या है ‘शिव वास’? शिवार्चन, रुद्राभिषेक या महामृत्युंजय के पूर्ण प्रतिफल के लिए शिव-वास के अनुसार करें पूजा-अनुष्ठान!
मासिक शिवरात्रि का क्या है महत्व
श्रावण मास की शिवरात्रि को शिव भक्त अपने इष्ट देव को प्रसन्न करने के लिए व्रत एवं अभिषेक करते हैं. मान्यता है कि इस शिवरात्रि के दिन विधि-विधान से भगवान शिव एवं देवी पार्वती की पूजा करने से जातक के सारे कष्ट नष्ट हो जाते हैं. जानें अनजाने हुए पाप मिट जाते हैं, तथा संसार के सारे सुख भोगकर अंत में मोक्ष की प्राप्ति करते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि जिनके विवाह में अड़चन आ रही हो, वह अगर श्रावण शिवरात्रि का व्रत एवं पूजा करता है तो शिवजी की कृपा से उसे मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है, तथा दांपत्य जीवन में प्रेम की प्रगाढ़ता बढ़ती है.
शिवरात्रि व्रत एवं पूजा के नियम
श्रावण मास की त्रयोदशी यानी शिवरात्रि के दिन प्रातःकाल उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें. भगवान शिव एवं पार्वती का ध्यान कर व्रत एवं शिव-पार्वती की पूजा का संकल्प लें. शिवरात्रि का अन्य व्रतों से थोड़ा कठिन होता है. इस व्रत में नमक का सेवन वर्जित है, और संध्याकाल के बाद भोजन नहीं किया जाता. पूरे दिन व्रत रखते हुए निकटतम शिव मंदिर जाएं. आप चाहें तो घर के मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर दूध एवं गंगाजल से अभिषेक कर सकते हैं. इसके बाद शिवलिंग पर बिल्व-पत्र, धतूरा, बेर, भांग एवं दूध निर्मित मिष्ठान आदि चढ़ाएं. अगले दिन स्नानादि से निवृत्त होकर गरीब को भोजन कराएं, और इसके बाद व्रत का पारण करें.
श्रावण शिवरात्रि मूल तिथि एवं मुहूर्त
श्रावण कृष्ण पक्ष चतुर्दशी प्रारंभः 08.32 PM (15 जुलाई 2023, शनिवार)
श्रावण कृष्ण पक्ष चतुर्दशी समाप्तः 10.08 PM (16 जुलाई 2023, रविवार)
नोटः चूंकि भगवान शिव की उपासना निशिता काल में किये जाने का विधान है, इसलिए यह श्रावण मास की शिवरात्रि का व्रत एवं पूजा-अनुष्ठान 15 जुलाई 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा.
श्रावण शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्तः 12.07 AM से 12.48 AM तक (16 जुलाई 2023)
चार प्रहर पूजा कालः हिंदू शास्त्रों के अनुसार शिवरात्रि की पूजा-अनुष्ठान चार विभिन्न प्रहरों में की जाती है. यहां पूजा के चारों प्रहर का उल्लेख किया गया है.
प्रथम प्रहरः 07.21 PM से 09.54 PM तक
द्वितीय प्रहरः 09.54 PM से 00.27 AM तक
तृतीय प्रहरः 12.27 AM से 03.03 AM तक
चतुर्थ प्रहरः 03.00 AM से 05.33 AM तक
पारण कालः 05.33 AM से 03.54 PM तक