Sawan Pradosh 2022 Messages in Hindi: सावन के इस पावन महीने में हर कोई भगवान शिव (Lord Shiva) की भक्ति में सराबोर है. सावन मास में सोमवार (Sawan Somvar) का जितना अधिक महत्व है, उतना ही महत्व सावन मास के प्रदोष का भी है. आज यानी 25 जुलाई 2022 को सावन सोमवार के साथ-साथ सावन मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत (Sawan Pradosh Vrat) भी है. सोमवार के दिन पड़ने की वजह से इसे सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, लेकिन सावन मास के चलते इसका महत्व अधिक बढ़ जाता है. कहा जाता है कि प्रदोष व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है और भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ऐसी मान्यता है कि इस पावन महीने में भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मुरादें पूरी करने के लिए धरती पर आते हैं, इसलिए भक्त विधि-विधान से पूरे महीने उनकी आराधना करते हैं.
सावन मास भगवान शिव और माता पार्वती को अत्यंत प्रिय है, इस महीने शिव-पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त प्रदोष व्रत रखते हैं. सावन प्रदोष के दिन शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इसके साथ ही शुभकामना संदेश भी एक-दूसरे को भेजे जाते हैं. इस खास अवसर पर आप भी इन भक्तिमय मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- शिव की महिमा है अपरंपार,
शिव करते हैं सबका उद्धार,
उनकी कृपा हम सब पर सदा बनी रहे,
भोलेनाथ हमारे जीवन में खुशियां भर दें.
शुभ सावन प्रदोष
2- भक्ति में है शक्ति बंधू,
शक्ति में संसार है,
त्रिलोक में है जिसकी चर्चा,
उन शिव जी का आज त्योहार है.
शुभ सावन प्रदोष
3- हैसियत मेरी छोटी है,
पर मन मेरा शिवाला है,
कर्म तो मैं करता जाऊंगा,
क्योंकि साथ मेरे डमरूवाला है.
ॐ नमः शिवाय!
शुभ सावन प्रदोष
4- मन छोड़ व्यर्थ की चिंता,
तू शिव का नाम लिए जा,
शिव अपना काम करेंगे,
तू अपना काम किए जा...
शुभ सावन प्रदोष
5- शिव की शक्ति, भोले की भक्ति,
खुशियों की बहार मिले,
महादेव की कृपा से आपको,
जिंदगी के हर कदम पर सफलता मिले.
शुभ सावन प्रदोष
वैसे तो सावन में पूरे महीने भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन सावन प्रदोष के दिन उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों को व्रत अवश्य रखना चाहिए. इस दिन सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर मंदिर में शिवलिंग पर दूध, जल, गंगाजल, बेलपत्र इत्यादि से अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद चंदन, पुष्प, अक्षत, धूप-दीप इत्यादि से उनका पूजन करना चाहिए, फिर प्रदोष काल में शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इस दौरान प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें या सुनें, शिव मंत्रों का जप करें और फिर उनकी आरती करें.