Savitribai Phule Jayanti 2025 Quotes: सावित्रीबाई फुले जयंती पर अपनों संग शेयर करें देश की पहली महिला शिक्षिका के ये महान विचार
3 जनवरी को भारत की महिला शिक्षा की प्रसिद्ध अग्रदूतों में से एक, “क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले” की जयंती है, जो भारत की पहली महिला शिक्षिका, नारीवादी और समाज सुधारक थीं. उनका जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव नामक गांव में हुआ था. हर साल, इस दिन सावित्रीबाई फुले जयंती (Savitribai Phule Jayanti) मनाई जाती है...
Savitribai Phule Jayanti 2025 Quotes: 3 जनवरी को भारत की महिला शिक्षा की प्रसिद्ध अग्रदूतों में से एक, “क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले” की जयंती है, जो भारत की पहली महिला शिक्षिका, नारीवादी और समाज सुधारक थीं. उनका जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव नामक गांव में हुआ था. हर साल, इस दिन सावित्रीबाई फुले जयंती (Savitribai Phule Jayanti) मनाई जाती है, ताकि महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा में सुधार के साथ-साथ लोगों द्वारा उनकी जाति और लिंग के आधार पर सामना किए जाने वाले भेदभाव को खत्म करने की दिशा में उनकी उपलब्धियों और महत्वपूर्ण योगदान को पहचाना जा सके. सावित्रीबाई फुले, स्वतंत्रता-पूर्व भारत में महाराष्ट्र राज्य की एक भारतीय सुधारक, कवि और शिक्षाविद् थीं. वह पहली महिला शिक्षिका थीं जिन्होंने भारत में पहला महिला विद्यालय खोला और जाति व्यवस्था के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ी और शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में काम किया.
उनका जन्म 3 जनवरी 1831 को लक्ष्मी और खंडोजी नेवासे पाटिल की सबसे बड़ी बेटी के रूप में नायगांव गांव में हुआ था. 1854 में, उन्होंने काव्य फुले और 1892 में बावन काशी सुबोध रत्नाकर प्रकाशित किए. उन्होंने 'जाओ, शिक्षा प्राप्त करो' शीर्षक से एक कविता भी लिखी, जिसमें उन्होंने जीवन में आगे बढ़ने और तार्किक होने के लिए महिला शिक्षा के महत्व को बताया. सावित्रीबाई फुले जयंती उन सभी महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है जो आज अपनी शिक्षा के लिए लड़ रही हैं और शिक्षित हो रही हैं. सावित्रीबाई फुले जयंती के इस खास अवसर पर आप देश की पहली शिक्षिका के इन अनमोल विचारों को अपनों संग शेयर कर उन्हें याद कर सकते हैं.
1. 'देश में स्त्री साक्षरता की भारी कमी है क्योंकि यहां की स्त्रियों को कभी बंधन मुक्त होने ही नहीं दिया गया - सावित्रीबाई फुले
2. 'एक सशक्त शिक्षित स्त्री सभ्य समाज का निर्माण कर सकती है, इसलिए उनको भी शिक्षा का अधिकार होना चाहिए' - सावित्रीबाई फुले
3. 'उसका नाम अज्ञान है उसे धर दबोचो, मज़बूत पकड़कर पीटो और उसे जीवन से भगा दो'- सावित्रीबाई फुले
4. 'बेटी के विवाह से पहले उसे शिक्षित बनाओ ताकि वह आसानी से अच्छे बुरे में फर्क कर सके'- सावित्रीबाई फुले
5. 'स्त्रियां सिर्फ रसोई और खेत पर काम करने के लिए नहीं बनी है, वह पुरुषों से बेहतर कार्य कर सकती हैं'- सावित्रीबाई फुले
उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता, जाति-विरोधी समाज सुधारक और लेखक ज्योतिराव गोविंदराव फुले से विवाह किया, तब वह अशिक्षित थीं. उनके पति ने उन्हें शिक्षित किया और उन्होंने दो शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरे किए, उस समय जब महिलाओं को शायद ही कभी बाहर निकलने की अनुमति थी. वे दोनों मानते थे कि शिक्षा महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें अपने अधिकारों के लिए खड़े होने में सक्षम बनाने का एक शानदार तरीका है.