Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary 2021: सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर उनके इन महान विचारों को अपनों संग शेयर कर अर्पित करें श्रद्धांजलि
स्वतंत्र भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार पटेल वैसे तो स्वभाव से बेहद शांत, उदार और नरम दिल के इंसान थे, लेकिन उन्हें महान और प्रेरणादायी विचारों का धनी माना जाता है. आज भी उनके विचार लोगों को जीवन की राह दिखाने में सहायक माने जाते हैं. सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर आप उनके इन महान विचारों के अपनों संग शेयर करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.
Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary 2021: भारत के पहले उप प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और लौह पुरुष (Iron Man) के नाम से मशहूर सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की आज 76वीं पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. सरदार पटेल (Sardar Patel) का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात (Gujarat) के नाडियाद में हुआ था, जबकि उनका निधन 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था. बतौर गृहमंत्री उन्होंने देसी रियासतों का भारत में विलय कराया था. उन्होंने देश की करीब 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलय करवाया था. उन्होंने न सिर्फ इस काम को सहजता से किया, बल्कि ऐसा करके उन्होंने भारतीय एकता का भी निर्माण किया. दरअसल, सरदार पटेल को नवीन भारत का निर्माता माना जाता है. उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें लौह पुरुष और सरदार जैसी उपाधि से नवाजा गया था.
स्वतंत्र भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार पटेल वैसे तो स्वभाव से बेहद शांत, उदार और नरम दिल के इंसान थे, लेकिन उन्हें महान और प्रेरणादायी विचारों का धनी माना जाता है. आज भी उनके विचार लोगों को जीवन की राह दिखाने में सहायक माने जाते हैं. सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर आप उनके इन महान विचारों के अपनों संग शेयर करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.
1- जब तक इंसान के अंदर का बच्चा जीवित है, तब तक अंधकारमयी निराशा की छाया उससे दूर रहती है.
2- आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए.
3- आम प्रयास से हम देश को एक नई महानता तक ले जा सकते हैं, जबकि एकता की कमी हमें नई आपदाओं में डाल देगी.
4- कठिन समय में कायर बहाना ढूंढते हैं, जबकि बहादुर व्यक्ति इस स्थिति में रास्ता खोजते हैं.
5- इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है.
6- आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए.
लौह पुरुष सरदार पटेल के अथक प्रयासों के कारण ही 15 अगस्त 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर देश ही बाकी रियासतें भारतीय संघ में सम्मिलित हो चुकी थीं और आजादी के बाद धीरे-धीरे ये रियासतें भी भारतीय संघ का हिस्सा बन गईं. अधिकतर लोगों का मानना है कि अगर राष्ट्रपिता महात्मा गाधी ने नेहरू जी के प्रति अपना प्रेम न दिखाया होता तो सरदार पटेल आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री होते.