Sankashti Chaturthi Vrat In Year 2020: संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) का अर्थ है संकट को हरने वाली चतुर्थी. माना जाता है संकष्टी चतुर्थी के दिन जो भी व्यक्ति भगवान गणेश (Lord Ganesha) की आराधना करता है उसे अपने जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिल जाता है. इस दिन सूर्योदय से चंद्रोदय होने तक व्रत रखा जाता है और भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है और यह तिथि देवताओं में प्रथम पूजनीय भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है. एक साल में 12 संकष्टी चतुर्थी के व्रत रखे जाते हैं. माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन की सारी विपदाएं दूर होती हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके साथ इस व्रत के प्रभाव घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-शांति का वास होता है.
अगर आप भी अपने जीवन के सभी संकटों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इस व्रत को जरूर करें. अगर आप नए साल 2020 में संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने की सोच रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं साल 2020 में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी व्रत की तिथियां (List Of Sankashti Chaturthi In Year 2020).
साल 2020 में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी की तिथियां-
तारीख | दिन | गणेश संकष्टी चतुर्थी | चंद्रोदय का समय |
13 जनवरी 2020 | सोमवार | संकष्टी चतुर्थी (माघ कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 09.03 बजे. |
12 फरवरी 2020 | बुधवार | संकष्टी चतुर्थी (फाल्गुन कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 09.53 बजे. |
12 मार्च 2020 | गुरुवार | संकष्टी चतुर्थी (चैत्र कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 09.39 बजे. |
11 अप्रैल 2020 | शनिवार | संकष्टी चतुर्थी (वैशाख कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 10.28 बजे. |
10 मई 2020 | रविवार | संकष्टी चतुर्थी (ज्येष्ठ कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 10.13 बजे. |
8 जून 2020 | सोमवार | संकष्टी चतुर्थी (आषाढ कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 09.51 बजे. |
8 जुलाई 2020 | बुधवार | संकष्टी चतुर्थी (श्रावण कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 10.03 बजे. |
7 अगस्त 2020 | शुक्रवार | संकष्टी चतुर्थी (भाद्रपद कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 09.50 बजे. |
5 सितंबर 2020 | शनिवार | संकष्टी चतुर्थी (प्रथम आश्विन कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 08.56 बजे |
5 अक्टूबर 2020 | सोमवार | संकष्टी चतुर्थी (द्वितीय आश्विन कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 08.42 बजे |
4 नवंबर 2020 | बुधवार | संकष्टी चतुर्थी (कार्तिक कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 08.50 बजे |
3 दिसंबर 2020 | गुरुवार | संकष्टी चतुर्थी (मार्गशीर्ष कृष्ण) | चंद्रोदय- रात 08.30 बजे |
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, गणेश जी अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं, इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता, दुखहर्ता, संकटमोचन इत्यादि नामों से भी जाना जाता है. कई जगहों पर संकष्टी चतुर्थी को संकट हारा और संकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है. अगर किसी महीने में यह पर्व मंगलवार के दिन पड़ता है तो उसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है. माना जाता है कि अंगारकी चतुर्थी का व्रत करने से जातक को पूरे संकष्टी का लाभ मिल जाता है.