Rama Navami 2019: 14 अप्रैल को मनाया जाएगा रामनवमी का त्योहार, जानिए पूजा विधि, मुहूर्त और पौराणिक कथा
जैसा की नाम से ही पता चलता है कि रामनवमी का अर्थ भगवान राम से है. इस दिन भगवान विष्णु ने अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना के लिए राजा दशरथ और माता कौशल्या के घर चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को जन्म लिया था....
Ram Navami 2019: जैसा की नाम से ही पता चलता है कि रामनवमी का अर्थ भगवान राम से है. इस दिन भगवान विष्णु ने अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना के लिए राजा दशरथ और माता कौशल्या के घर चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को जन्म लिया था. भगवान राम के जन्मदिन के शुभ अवसर पर रामनवमी मनाया जाता है. नवमी चैत्र नवरात्रि का भी अंतिम दिन होता है. इस बार नवमी के दिन पुष्य नक्षत्र का योग है. पुष्य नक्षत्र सभी 27 नक्षत्रों में सबसे सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र माना गया है. भगवान राम का जन्म पुष्य नक्षत्र में हुआ था. भगवान राम त्रेता युग में जन्मे थे. राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए एक यज्ञ कराया था और यज्ञ के बाद उन्हें जो खीर प्राप्त हुई थी, उस खीर को उन्होंने अपनी प्रिय पत्नी कौशल्या को दे दिया. कौशल्या ने उस खीर का आधा हिस्सा कैकई और सुमित्रा को दे दिया. ये खीर खाने के बाद चैत्र मास के शुक्ल पक्ष नवमी को माता कौशल्या की कोख से भगवान श्री राम का जन्म हुआ.
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पूजा विधि: भगवान राम की पूजा की शुरुआत सूर्य देवता की आराधना से होती है. क्योंकि सूर्य को भगवान राम का पूर्वज माना जाता है. इसी दिन तुलसीदास ने रामचरित मानस लिखने की शुरुआत की थी. इसलिए इस दिन रामचरित मानस का पाठ भी कराया जाता है. राम नवमी के दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. दुर्भाग्य को दूर रखने के लिए प्रतिदिन राम नाम का जाप और उनका नाम लिखना चाहिए. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और बुरा भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है. शास्त्रों के अनुसार राम नाम लिखने का चमत्कारिक लाभ भगवान श्री कृष्ण ने धमराज युधिष्ठिर को बताया था, ताकि वो अपना खोया हुआ राज्य फिर से प्राप्त कर सके. श्री कृष्ण ने उन्हें बताया कि प्रतिदिन 108 बार भगवान राम का नाम लिखें और उपासना करें. जब सवा लाख अथवा सवा करोड़ नाम लिखकर पूरे हो जाएं, तो 'इदं विष्णुः' सिद्ध एवं गुप्त मंत्र बोलते हुए घी, तिल व खीर से हवन कर श्री राम की पूजा करें. ऐसा करने से शीघ्र ही उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.
पूजा मुहूर्त: पूजा का मुहूर्त सुबह 11: 18 मिनट से 1 बजकर 42 मिनट तक है. राम नवमी तिथि की शुरुआत 13 अप्रैल की रात 12:30 बजे से हो जाएगी और 14 अप्रैल 2019 की सुबह 7:11 बजे तक रहेगा.
उत्तर भारत में रामनवमी का त्योहार बहुत ही धूम- धाम से मनाया जाता है. भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है. उन्होंने कभी भी ऊंच नीच और स्त्री पुरुष में भेदभाव नहीं किया. इसलिए इस दिन भंडारा रखा जाता है और सभी वर्ग के लोगों को खाना खिलाया जाता है.