Pongal 2025 Wishes in Telugu: पोंगल के इन शानदार WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings को भेजकर तेलुगु में दें अपनों को शुभकामनाएं
चार दिनों तक चलने वाले पोंगल के पहले दिन को भोगी पोंगल, दूसरे दिन को सूर्य पोंगल, तीसरे दिन को मट्टू पोंगल और चौथे दिन को कानुम पोंगल कहा जाता है. यह पर्व प्रकृति और फसल के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का माध्यम है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप पोंगल के इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर तेलुगु में अपनों को प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Pongal 2025 Wishes in Telugu: फसलों की कटाई और समृद्धि के प्रतीक के तौर पर मनाया जाने वाला चार दिवसीय पर्व पोंगल (Pongal) दक्षिण भारत का एक प्रमुख त्योहार है. इस साल 14 जनवरी से 17 जनवरी 2025 तक पोंगल के त्योहार को मनाया जा रहा है. तमिलनाडु (Tamil Nadu), आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), कर्नाटक (Karnataka) और केरल (Kerala) जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. अच्छी फसल, खुशहाली और धन-धान्य के लिए यह पर्व प्रकृति का धन्यवाद करने का एक अनोखा तरीका है. चार दिनों तक चलने वाला यह उत्सव किसानों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह उनकी कड़ी मेहनत का फल मिलने का समय होता है. इस दौरान नए अनाज की पूजा की जाती है, इसके साथ ही अच्छी फसल और बारिश के लिए सूर्य देव और इंद्र देव की पूजा कर उनका आभार व्यक्त किया जाता है.
चार दिनों तक चलने वाले पोंगल के पहले दिन को भोगी पोंगल, दूसरे दिन को सूर्य पोंगल, तीसरे दिन को मट्टू पोंगल और चौथे दिन को कानुम पोंगल कहा जाता है. यह पर्व प्रकृति और फसल के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का माध्यम है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप पोंगल के इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर तेलुगु में अपनों को प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.
पोंगल त्योहार को लेकर तमिलनाडु में रौनक देखते ही बनती है. लोग नए कपड़े पहनते हैं, घरों को सजाते हैं और तरह-तरह के पकवान बनाते हैं. इस दौरान कई तरह की परंपराएं निभाई जाती हैं. भोगी पोंगल के दिन पुराने सामानों को जलाकर नई शुरुआत का संकेत दिया जाता है. सूर्य पोंगल के दिन विशेष प्रकार की खीर बनाकर सूर्य देव को भोग अर्पित किया जाता है. मट्टू पोंगल के दिन बैलों की पूजा की जाती है, जबकि कानुम पोंगल के दिन लोग अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के घर जाते हैं और उन्हें उपहार देते हैं. यह पर्व दक्षिण भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक अहम हिस्सा है, जो सभी को एक साथ लाता है और सबके जीवन में खुशियां भर देता है.