Paush Purnima 2019: हिंदू धर्म (Hindu religion) में पूर्णिमा (Purnima) का खास महत्व बताया जाता है और साल की पहली पूर्णिमा 21 जनवरी को पड़ रही है. मान्यता है कि जो लोग मोक्ष की कामना करते हैं उनके लिए पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (Paush Purnima) बेहद खास होती है और इस दिन गंगा (Ganga) में किया गया स्नान मोक्ष (Moksha) दिलाने वाला होता है. साल की पहली पूर्णिमा इसलिए भी बेहद खास है, क्योंकि इस दिन साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है. हालांकि पूर्णिमा 20 जनवरी को ही दिन में 2 बजकर 20 मिनट से लग जाएगी, जो अगले दिन 21 जनवरी को सुबह 10 बजकर 47 मिनट पर खत्म होगी. उदया तिथि 21 जनवरी को पड़ रही है, इसलिए इसी दिन पौष पूर्णिमा का प्रमुख स्नान होगा.
पौष माह की पूर्णिमा तिथि को सूर्य (Surya) और चंद्र (Chandra) के संगम का दिन भी कहा जाता है, क्योंकि पौष का महीना सूर्य देव को समर्पित होता है और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है. ऐसे में सूर्य और चंद्रमा का अद्भुत संगम पौष पूर्णिमा की तिथि को ही होता है. कहा जाता है कि इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से व्यक्ति के जीवन में आने वाली समस्त बाधाओं का नाश होता है और उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं. चलिए जानते हैं पौष पूर्णिमा पर बन रहे खास संयोग के साथ-साथ शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.
पौष पूर्णिमा पर बन रहा है यह खास संयोग
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, 21 जनवरी की सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही पौष पूर्णिमा का स्नान शुरु हो जाएगा. इस बार ब्रह्म मुहूर्त से ही अमृत वर्षा प्रारंभ हो जाएगी और अक्षय योग के कारण यह स्नान अत्यंत फलदायी सिद्ध होगा. इस पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा से मंगल एवं गुरु, शुक्र पंतचमस्थ और नवमस्थ हो रहे हैं. साथ ही चंद्र, मंगल, गुरु और शुक्र भी एक-दूसरे से पंचम-नवम संबंध बना रहे हैं. ग्रहों की इस स्थिति को अत्यंत पुण्यदायी माना जा रहा है. यह भी पढ़ें: Chandra Grahan 2019: चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, इसके प्रकोप से बचने के लिए करें इन चीजों का दान
पौष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा आरंभ– 20 जनवरी 2019 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से,
पूर्णिमा समाप्त– 21 जनवरी 2019 को सुबह 10 बजकर 47 मिनट तक.
व्रत और पूजा की विधि
- पौष पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर वरुण देव को प्रणाम करें और किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें.
- पूर्णिमा के अवसर पर प्रयागराज के संगम तट और बनारस के दशाश्वमेध घाट पर डुबकी लगाना शुभ माना जाता है.
- स्नान के बाद इस दिन पौष पूर्णिमा के व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
- व्रत का संकल्प लेने के बाद सूर्य के मंत्रों का जप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.
- इस दिन सूर्य और चंद्र देव की आराधना करनी चाहिए, इससे मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है.
- पौष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान के व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है.
- सत्यनारायण भगवान को सुंदर वस्त्रों से सजाकर, उन्हें नैवेद्य अर्पित करें, कथा और आरती करके विधि पूर्वक उनका पूजन करें.
- इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराएं. इसके साथ ही तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्रों का दान करें. यह भी पढ़ें: Super Moon Lunar Eclipse 2019: साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण 21 जनवरी को, जानें इसे क्यों कहा जा रहा है 'सुपर ब्लड वुल्फ मून'?
मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत करने से सुख, शांति और संपत्ति की प्राप्ति होती है. इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा-अर्चना करने से सारी इच्छाएं पूरी होती हैं. कहा जाता है कि जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं, स्नान और दान करते हैं वो जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करते हैं.