Parsi New Year 2024 Messages: पारसी नवरोज मुबारक! प्रियजनों संग शेयर करें ये हिंदी Quotes, WhatsApp Wishes, GIF Greetings और Photo SMS
नवरोज पारसी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होता है, इसलिए लोग इसे अपने परिवार के साथ पूरे जोश और उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते हैं. यह दिवस आनंद, कृतज्ञता और उत्सव का समय है, जब लोग अपनी साझा संस्कृतिक पहचान का जश्न मनाने के लिए साथ आते हैं. इस अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस को शेयर कर पारसी नवरोज मुबारक कह सकते हैं.
Parsi New Year 2024 Messages in Hindi: पारसी नववर्ष (Parsi New Year) को नवरोज (Navroz) के नाम से जाना जाता है, जो पारसी समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है. नवरोज को पतेती के नाम से भी जाना जाता है जो पारसी कैलेंडर में नए साल की शुरुआत का प्रतीक है. पारसी समुदाय द्वारा साल में दो बार नए साल का पर्व मनाया जाता है. दरअसल, दुनिया भर में पारसी समुदाय के लोग 21 मार्च को पारसी नववर्ष मनाते हैं, जबकि भारत में पारसी समुदाय के लोग शहंशाही कैलेंडर का पालन करते हुए 16 अगस्त को पारसी न्यू ईयर सेलिब्रेट करते हैं. पारसी नववर्ष की उत्पत्ति फारस से हुई थी, जहां इसे फारसी कैलेंडर में नए साल की शुरुआत के तौर पर मनाया जाता था. ऐसी मान्यता है कि 7वीं शताब्दी में जब पारसी समुदाय के कुछ लोग भारत आए तो यहां भी उन्होंने अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन जारी रखा. इसके साथ ही नवरोज यानी नया साल मनाने की परंपरा भी चलती रही.
पारसी नववर्ष यानी नवरोज पारसी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होता है, इसलिए लोग इसे अपने परिवार के साथ पूरे जोश और उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते हैं. यह दिवस आनंद, कृतज्ञता और उत्सव का समय है, जब लोग अपनी साझा संस्कृतिक पहचान का जश्न मनाने के लिए साथ आते हैं. इस अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस को शेयर कर पारसी नवरोज मुबारक कह सकते हैं.
नवरोज से पहले पारसी समुदाय के लोग अपने घरों को अच्छी तरह से साफ करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे साल को नए सिरे से शुरू करें. यह अतीत की नकारात्मकता को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा के स्वागत का प्रतीक है. नवरोज के दिन पारसी समाज के लोग नए कपड़े पहनते हैं, दिन की शुरुआत प्रार्थना और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अग्यारी यात्रा से होती है. यह समारोह उत्सव का एक अनिवार्य हिस्सा है और त्योहार के आध्यात्मिक पहलू को दर्शाता है. इस अवसर पर पारसी समाज के लोग एक साथ इकट्ठा होकर पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं.