Navreh 2024 Wishes in Hindi: आज (9 अप्रैल 2024) देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदू नव वर्ष यानी विक्रम संवत 2081 (Vikram Samvat 2081) का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) के पर्व को देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न नामों से मनाया जाता है. सिंधी समुदाय के लोग नए साल के पर्व को चेटी चंड (Cheti Chand) के नाम से मनाते हैं. महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa), कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में उगादि (Ugadi), मणिपुर में साजिबू नोंगमा पानबा (Sajibu Nongma Panba) और कश्मीर में इसे नवरेह (Navreh) के तौर पर मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष यानी नव संवत की शुरुआत होती है. कश्मीर में मनाए जाने वाले नवरेह को कश्मीरी नव वर्ष (Kashmiri New Year) के तौर पर जाना जाता है और नवरेह को मनाने के लिए पूजा की थाल एक दिन पहले ही तैयार करके रख दी जाती है.
नवरेह की थाल को एक दिन पहले सजाकर रखा जाता है और सुबह उठकर सबसे पहले थाल के दर्शन किए जाते हैं. इस थाल में दूध, चावल, अखरोट, रोटी, नमक, फूल, दही, जंतरी जैसी सामग्रियों को रखा जाता है और नवरेह के दिन पूजा-अर्चना की जाती है. इसके साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में इस अवसर पर आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए नवरेह की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- देखो नूतन वर्ष है आया,
धरा पुलकित हुई गगन मुस्काया,
किंचित चिंताओं में डूबा कल,
ढूंढ़ ही लेगा नया वर्ष कोई हल,
देखो नए साल का पहला पल,
क्षितिज के उस पार है उभर आया.
नवरेह की शुभकामनाएं
2- एक खूबसूरती, एक ताजगी,
एक सपना, एक सच्चाई,
एक कल्पना, एक एहसास,
एक आस्था, एक विश्वास
यही है एक अच्छे साल की शुरुआत.
नवरेह की शुभकामनाएं
3- शाखों पर सजता नए पत्तों का श्रृंगार,
मीठे पकवानों की होती चारों तरफ बहार,
मीठी बोली से करते, सब एक-दूजे का दीदार,
खुशियों के साथ चलो मनाएं नव वर्ष इस बार.
नवरेह की शुभकामनाएं
4- सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
सामना ना हो कभी तन्हाइयों से,
हर अरमान हर ख्वाब पूरा हो आपका,
यही दुआ है दिल की गहराइयों से...
नवरेह की शुभकामनाएं
5- सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार,
आने वाला हर दिन लाए खुशियों का त्योहार,
इस उम्मीद के साथ आओ भूलकर सारे गम,
नव वर्ष का हम सब करें वेलकम...
नवरेह की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि कश्मीरी पंडित चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नवरेह यानी नव वर्ष का पर्व मनाते हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में बसे कश्मीरी पंडित नवरेह के पर्व को अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार धूमधाम से मनाते हैं. नवरेह के दिन लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, अपने प्रियजनों के साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं और नवरेह की शुभकामनाएं देकर इस पर्व खास बनाते हैं.