Mother's Day 2020 Special: मातृ दिवस पर भाषण, मां की महिमा लिखने के लिए आकाश भी छोटा पड़ेगा
‘मां’ दुनिया का सबसे छोटा शब्द है,लेकिन इसका भाव इतना विशाल है कि लिखने के लिए आकाश भी छोटा पड़ जाएगा. वह मां ही है, जो हमें जीना सिखाती है, उंगली पकड़ कर चलना सिखाती है, दुनिया के तमाम संकटों को खुद पर लेकर हमारी ढाल बन जाती है. शिशु के लिए मां ही वह पहली शख्सियत होती है, जिसके स्पर्श मात्र से पता चल जाता है कि वह मां है
Mother's Day 2020 Speech: माननीय प्रधानाचार्य, गुरुजन एवं समस्त विद्यार्थियों, सर्वप्रथम ‘मातृ दिवस' (Mother's Day) पर आप सभी को हार्दिक अभिनन्दन! मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि आज ‘मां’ जैसे पवित्र रिश्ते पर दो शब्द बोलने के इस अवसर को मैं किस रूप में लूं! खासकर तब जब भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) जैसी महामारी की चपेट में हैं, प्रतिदिन सैकड़ों मासूम असमय मृत्यु के शिकार बन रहे हैं, अपने प्रिय विद्यालय का काफी सीनियर छात्र होने के नाते माननीय प्रधानाचार्य जी ने इस लॉकडाउन (Lockdown) में सोशल डिस्टेंसिग (Social Distancing) नियमों को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया के जरिए मुझे आप सभी से ‘मातृत्व दिवस' पर कुछ बोलने का अवसर प्रदान किया है. अपनी बात शुरू करने से पहले मैं आप सभी से अनुरोध करुंगा कि अपनी, अपने परिवार और अपने देश की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अनावश्यक घर से बाहर न निकलें.
‘मां’ दुनिया का सबसे छोटा शब्द है,लेकिन इसका भाव इतना विशाल है कि लिखने के लिए आकाश भी छोटा पड़ जाएगा. वह मां ही है, जो हमें जीना सिखाती है, उंगली पकड़ कर चलना सिखाती है, दुनिया के तमाम संकटों को खुद पर लेकर हमारी ढाल बन जाती है. शिशु के लिए मां ही वह पहली शख्सियत होती है, जिसके स्पर्श मात्र से पता चल जाता है कि वह मां है. 9 माह गर्भ में पालते हुए वह तमाम शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा को सहती है, मगर उफ! नहीं करती. मां के त्याग, बलिदान, समर्पण, ममत्व को शब्दों में बांधना नामुमकिन है. अब आइए जानते हैं कि मातृत्व-दिवस की शुरुआत कब, क्यों और कैसे हुई? यह भी पढ़ें: Happy Mother’s Day 2020 Google Doodle: मदर्स डे की शुभकामनाएं, गूगल डूडल की मदद से चंद मिनटों में तैयार करें अपनी मां के लिए खास कार्ड और दें उन्हें सरप्राइज
वास्तव में अंतरर्राष्ट्रीय ‘मातृ दिवस' की तारीख को लेकर काफी दुविधा है. कहते हैं कि अमेरिका में गृह-युद्ध के दौरान एक महिला एन रीव्स जार्विस ने घायल सैनिकों की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनकी बेटी एना जर्विस ने मां की स्मृतियों को धरोहर के तौर पर सहेजने के लिए वेस्ट वर्जीनिया के ग्राफ्टन के सेंट एंड्रयूज मैथोडिस्ट चर्च में अपनी मां के लिए एक स्मारक बनवाया. दरअसल एना जार्विस अपनी मां के स्मारक की स्थापना करके उन्हें विशेष सम्मान दिलाना चाहती थी, जिसे दुनिया भर की सभी मांओं को समर्पित किया जा सके. शुरू में उनके इस प्रस्ताव को अमेरिकी कांग्रेस ने गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन साल 1911 में सभी यू.एस. राज्यों ने सहमति दे दी और इस उपलक्ष्य में पहली बार सार्वजनिक छुट्टी घोषित की गई.
समय के साथ, मदर्स-डे को दुनिया भर में अलग-अलग नामों और तारीखों के साथ मनाया जाने लगा. यूके में इस दिवस को मार्च के चौथे रविवार को मदर चर्च में क्रिश्चियन मदरिंग संडे की याद में मनाया जाता है. ग्रीस में, इसे 2 फरवरी को मनाया जाता है. थाईलैंड में, मदर्स डे हमेशा अगस्त में, वर्तमान रानी, सिरिकित के जन्मदिन पर मनाया जाता है. हालांकि, भारत सहित दुनिया भर में हर जगह, यह मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: Happy Mother’s Day 2020: महामारी में भी सुरक्षा को बोध देता है मां का साथ
बोलीविया में मदर्स-डे 27 मई को मनाया जाता है. इसकी वजह 27 मई, 1812 की क्रांति थी, जिसमें स्पेन की सेना ने बॉलीविन महिलाओं की नृसंश हत्या कर दी थी, जो आजादी के लिए लड़ रही थीं. उन्हीं महिलाओं के सम्मान में 27 मई को 'मदर्स डे' मनाया जाता है. वहीं, ग्रीस के लोग अपनी मां के प्रति स्नेह और सम्मान के लिए इस पर्व को हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाते हैं. ये तो रही बात विदेशों में मदर्स-डे सेलिब्रेट करने की जहां तक भारत की बात है तो हमारे देश में मां को शक्ति के रूप में पूजने की परंपरा रही है. इसलिए हम मातृत्व-दिवस के लिए किसी दिवस विशेष के लिए मोहताज नहीं हैं. हमारे संस्कारों में सुबह सवेरे उठकर सर्वप्रथम मां का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेने की प्रथा प्राचीन काल से रही है.. बहरहाल मैं अपनी बात यहीं खत्म करते हुए एक बार फिर आप सभी को मातृत्व दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए प्रार्थना करता हूं, कि लाख डाउन रहते हुए, घर से बाहर नहीं निकलें.