Mahavir Jayanti 2023 Wishes in Hindi: महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) के त्योहार को जैन धर्म (Jain Dharma) के लोग भगवान महावीर (Bhagwan Mahavir) के जन्मोत्सव के तौर पर मनाते हैं. इस साल जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती 4 अप्रैल 2023 को मनाई जा रही है. इसे जैन धर्म का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है, इसलिए इसे बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. भगवान महावीर को वर्धमान के नाम से भी जाना जाता है और उन्होंने ही जैन धर्म के मूल सिद्धांत बताए थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में अहिंसा और आध्यात्मिक स्वतंत्रता का प्रचार किया और इंसानों को सभी जीवों का सम्मान व आदर करने की शिक्षा दी. उन्होंने अपनी शिक्षाओं द्वारा दुनिया को सही मार्ग दिखाने का प्रयास किया और अपने प्रवचनों के जरिए मनुष्यों का सही मार्गदर्शन किया.
महावीर जयंती के पावन अवसर पर जैन धर्म के लोग प्रभातफेरी निकालते हैं, इसके साथ ही भव्य जुलूस के साथ पालकी यात्रा निकाली जाती है, फिर रजत और स्वर्ण कलश से भगवान महावीर का अभिषेक किया जाता है. इस दिन की लोग बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस के जरिए महावीर जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- त्याग ना करे, वो पीर नहीं होता,
बरसों की तपस्या का फल है यह,
वरना ऐसे ही कोई महावीर नहीं होता.
आओ महावीर को करें हम सब नमन.
महावीर जयंती की शुभकामनाएं
2- छोड़ो सारे वैर-विरोध,
कभी न मन में लाना क्रोध,
बच्चों यह सब बातें समझना,
अच्छाई के मार्ग पर चलना,
महावीर के वचनों का पालन करना.
महावीर जयंती की शुभकामनाएं
3- नवकार मंत्र ही है महामंत्र,
इससे होता सबका मन निर्मल सुंदर,
रोज शुद्ध मन से करो इसका जप,
नवकार मंत्र ही है महामंत्र...
महावीर जयंती की शुभकामनाएं
4- तू करता वो है जो तू चाहता है,
पर होता वही है जो मैं चाहता हूं,
इसलिए तू वो कर जो मैं चाहता हूं,
फिर देख होगा वही जो तू चाहता है.
महावीर जयंती की शुभकामनाएं
5- जंग एक भी लड़ी नहीं, फिर भी जग को जीत लिया,
अहिंसा अपरिग्रह, अनेकांत का हमको मंत्र दिया,
उस जगत के तारक महावीर को कोटि-कोटि वंदन,
उनकी राह पर चल कर आओ हम भी तोड़ें भौतिक बंधन.
हैप्पी महावीर जयंती
बताया जाता है कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान महावीर का जन्म हुआ था. करीब ढाई हजार साल पूर्व ईसा से 599 साल पहले वैशाली गणतंत्र के क्षत्रिय कुंडलपुर में राजा सिद्धार्थ और उनकी पत्नी रानी त्रिशला के गर्भ से भगवान महावीर का जन्म हुआ था. उनका जन्म उस युग में हुआ था, जब हिंसा, पशु बलि, जातिगत भेदभाव चरम पर था. उन्होंने 30 साल की उम्र में राज वैभव और सांसारिक मोह-माया को त्यागकर संन्यास ले लिया था. 72 साल की उम्र में उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई थी.