Mahatma Gandhi Punyatithi 2024 Quotes in Hindi: देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज (30 जनवरी 2024) 76वीं पुण्यतिथि (Mahatma Gandhi Punyatithi) मनाई जा रही है. दरअसल, आजादी के कुछ महीनों बाद 30 जनवरी 1948 को जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) दिल्ली के बिड़ला भवन में संध्या की प्रार्थना के लिए जा रहे थे, तब नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) ने उनके सीने में तीन गोलियां दाग दी थी, इसलिए इस दिन को गांधी जी की पुण्यतिथि के तौर पर मनाया जाता है, जिसे शहीद दिवस (Martyrs' Day) के तौर पर भी जाना जाता है. इस दिन दिल्ली के राजघाट में गांधी जी की समाधि पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इसके साथ ही देश के सशस्त्र बलों के शहीदों को सलामी दी जाती है. इस दिन पूरे देश में बापू व शहीदों को याद करते हुए उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा जाता है.
हर साल 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन हर कोई बापू को याद करते हुए उन्हें नमन करता है. अंग्रेजों के खिलाफ सत्य और अहिंसा को हथियार बनाकर देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इन 10 महान विचारों को अपनों संग शेयर करके आप उन्हें इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.
1- व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है.
2- कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है. क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है.
3- ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है. यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है.
4- गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में.
5- धैर्य का एक छोटा सा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है.
6- कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है, यह तो बहादुर की निशानी है.
7- आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि उसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हो.
8- डर शरीर का रोग नहीं है, यह आत्मा को मारता है.
9- आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी.
10- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है, सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन.
गौरतलब है कि अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले मोहनदास करमचंद गाधी ने आजीवन सत्य और अहिंसा का पालन किया. उन्हें देश के राष्ट्रपिता होने की उपाधि मिली, जिसके बाद उन्हें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहकर संबोधित किया जाने लगा. इसके अलावा कई लोग उन्हें प्यार से बापू कहकर पुकारते हैं. देश में जहां 30 जनवरी को महात्मा गाधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है तो वहीं 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को याद करते हुए शहीद दिवस मनाया जाता है.