महा शिवरात्रि, 9मार्च: इस साल महाशिवरात्रि (Mahashivratri) 11 मार्च को मनाई जा रही है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को तमाम कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस साल महाशिवरात्रि हर साल से कुछ अलग होगा, क्योंकि देश में अब भी कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का प्रकोप जारी है, इसलिए लोगों को भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने के बजाय घर में रहकर पूजा करने की अपील की जा रही है.
महाशिवरात्रि का महत्व तो सभी जानते ही हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Mata Parvati) का विवाह संपन्न हुआ था. महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारो में से एक है, जो भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन रात के समय निशीथ काल में भगवान शिव की पूजा करने का विशेष फल प्राप्त होता है. निशीथ काल 12 मार्च 2021 की मध्यरात्रि 12:06 बजे से 12:55 बजे के बीच होगी. यह भी पढ़े: Maha Shivratri 2021: इस महाशिवरात्रि से लग रहा है पंचक! जानें कौन पंचक शुभ होते हैं और किन पंचक में कार्य शुरु करने से बचें
- महाशिवरात्रि के दिन व्यक्ति को सुबह जल्दी उठना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि नहाने के पानी में तिल मिलाकर शरीर और आत्मा को शुद्ध किया जा सकता है.
- महाशिवरात्रि व्रत बहुत कठिन है और भक्तों को व्रत के समय खाने से परहेज करना चाहिए.
- विवाहित जोड़ों को अपने रिश्ते में सकारात्मकता और खुशी लाने के लिए पूजा के दौरान एक साथ बैठना चाहिए. वहीं अविवाहित लोग भी भगवान शिव से आशीर्वाद लेने के लिए महाशिवरात्रि पूजा कर सकते हैं.
- अगर आपके घर में शिवलिंग नहीं है तो आप शिवलिंग प्राप्त कर सकते हैं, जिसे शुभ माना जाता है. इसे एक प्लेट पर रखें और भगवान गणेश की मूर्ति शिवलिंग के पास रख दें.
- इसके साथ ही कच्चे दूध, गंगाजल, देसी घी, दही और शहद का उपयोग करके घर पर पंचामृत बनाएं. सभी सामग्रियों को अच्छी तरह मिलाएं और शिवलिंग पर चढ़ाएं. वहीं भगवान शिव को बेल पत्ते चढ़ाएं.
- वहीं पंचामृत डालते समय भगवान शिव से आशीर्वाद मांगें. भोग के लिए आप घर पर खीर जैसी कोई भी मीठी डिश तैयार कर सकते हैं. अंत में भगवान शिव या ओम नमः शिवाय या महामृत्युंजय का 108 बार जप करें.
गौरतलब है कि महाशिवरात्रि को विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है. वैसे भी भगवान शिव को एक ऐसा देवता माना जाता है जो भक्तों की थोड़ी सी भक्ति से भी प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी सभी मुरादें पूरी करते हैं.