Mahalaya 2023 Messages in Hindi: एक तरफ जहां अश्विन मास की अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या (Sarv Pitru Amavasya) के दिन श्राद्ध कर्म खत्म हो जाते हैं और पितरों को विदाई दी जाती है तो वहीं दूसरी तरफ बंगाली समुदाय के लोग इस दिन महालया (Mahalaya) मनाते हैं, जिसका उन्हें पूरे साल बेसब्री से इंतजार रहता है. आज (14 अक्टूबर 2023) महालया और सर्व पितृ अमावस्या है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन मां दुर्गा (Maa Durga) कैलाश पर्वत से धरती पर आती हैं और अगले दस दिनों तक अपने भक्तों के बीच रहती हैं. महालया के दिन ही मां दुर्गा की प्रतिमाओं की आंखें तैयार की जाती हैं और महालया के बाद उनकी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जाता है, फिर दुर्गा पूजा की शुरुआत के साथ ही देवी की प्रतिमाओं को पंडालों में स्थापित किया जाता है. इस साल शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 से हो रही है, जबकि दुर्गा पूजा (Durga Puja) का आगाज 20 अक्टूबर से हो रहा है और 24 अक्टूबर को विजयादशमी (Vijayadashami) मनाई जाएगी.
सर्व पितृ अमावस्या के दिन महालया का पर्व मनाया जाता है, जो बंगाली समुदाय के लोगों का प्रमुख त्योहार है. महालया को दुर्गा पूजा और शारदीय नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है. ऐसे में महालया के इस पावन अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस के जरिए महालया की हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
1- मां दुर्गा का आशीर्वाद आपके जीवन पथ से,
सभी बाधाओं को दूर करे,
क्योंकि वह इस शुभ दिन पर,
ब्रह्मांड से अंधकार को दूर करती हैं.
शुभ महालया
2- देवी दुर्गा आपके चारों ओर की,
सभी बुराइयों को नष्ट कर दें,
और इस देवी पक्ष में आपके जीवन को,
समृद्धि और खुशियों से भर दें.
शुभ महालया
3- मां दुर्गा आपको अपने भीतर की बुराई और,
लालच को दूर करने का साहस प्रदान करें,
देवी मां आपके सभी दुखों को समाप्त करें और,
आपके जीवन व आत्मा को सच्ची खुशी से रोशन करें.
शुभ महालया
4- मां शक्ति का वास हो,
संकटों का नाश हो,
हर घर में सुख-शांति का वास हो,
जय माता दी!
शुभ महालया
5- मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के साथ,
प्रसिद्धि, स्वास्थ्य, संपदा, खुशी,
इंसानियत, शिक्षा, भक्ति और शक्ति,
का आपको वरदान मिले.
शुभ महालया
प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने महिषासुर का संहार करने के लिए मां दुर्गा का सृजन किया था. बताया जाता है कि महिषासुर नाम के असुर को वरदान मिला था कि कोई देवता या मनुष्य उसका वध नहीं कर पाएगा. ऐसे में महिषासुर के अंत के लिए सभी देवताओं ने शक्ति की आराधना की थी, तभी सभी देवताओं के शरीर से दिव्य रोशनी निकली, जिसने दुर्गा का रूप धारण किया. इसके बाद मां दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया और दसवें दिन उसका संहार कर देवताओं व मनुष्यों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी.