Lala Lajpat Rai Jayanti 2023 Quotes: ‘पंजाब केसरी’ लाला लाजपत राय की जयंती, अपनों संग शेयर करें उनके ये 10 महान विचार
'करो या मरो' की नीति पर चलने वाले लाला लाजपत राय कांग्रेस के गरम दल के नेता थे और लोग उन्हें प्यार से लालाजी कहकर पुकारते थे. उनकी जयंती पर देशभर के लोग आजादी की लड़ाई में दिए गए उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. ऐसे में आप भी 'पंजाब केसरी' लाला लाजपत राय की जयंती पर अपनों संग उनके इन 10 महान विचारों को शेयर कर सकते हैं.
Lala Lajpat Rai Jayanti 2023 Quotes: हर साल 28 जनवरी को 'पंजाब केसरी' और 'शेर-ए-पंजाब' कहे जाने वाले भारत माता के वीर सपूत लाला लाजपत राज की जयंती (Lala Lajpat Rai Jayanti) मनाई जाती है. इस साल इस वीर स्वतंत्रता सेनानी की 158वीं जयंती मनाई जा रही है. लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब (Punjab) के मोंगा जिले में हुआ था. एक राजनेता, लेखक, वकील और स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लाला लाजपत राय के पिता का नाम मुंशी राधा कृष्ण अग्रवाल था जो एक शिक्षक थे, जबकि उनकी माता का नाम गुलाब देवी अग्रवाल था. उन्होंने अपनी प्राथमिक स्कूली शिक्षा पंजाब के रेवाड़ी से पूरी की थी. अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जिस तरह से वे गरजते थे, उसे देखकर उन्हें 'शेर-ए-पंजाब' और 'पंजाब केसरी' जैसे नामों से पुकारा जाने लगा.
'करो या मरो' की नीति पर चलने वाले लाला लाजपत राय कांग्रेस के गरम दल के नेता थे और लोग उन्हें प्यार से लालाजी कहकर पुकारते थे. उनकी जयंती पर देशभर के लोग आजादी की लड़ाई में दिए गए उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. ऐसे में आप भी 'पंजाब केसरी' लाला लाजपत राय की जयंती पर अपनों संग उनके इन 10 महान विचारों को शेयर कर सकते हैं.
1- दूसरों के बजाय खुद पर विश्वास करना सीखें, क्योंकि आप अपने ही प्रयत्नों से कामयाब हो सकते है.
2- देशभक्ति का निर्माण न्याय और सत्य की दृढ़ चट्टान पर ही किया जा सकता है.
3- पराजय और असफलता कभी-कभी विजय की ओर बढ़ने के लिए जरूरी कदम होते है.
4- शिशुओं के लिए दूध, वयस्कों के लिए भोजन और सभी के लिए शिक्षा जरूरी होती है.
5- सार्वजनिक जीवन में अनुशासन को बनाए रखना बहुत ही जरूरी है, वरना प्रगति के मार्ग में बाधा खड़ी हो जाएगी.
6- पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ शांतिपूर्ण साधनों से उद्देश्य पूरा करने के प्रयास को ही अहिंसा कहते है.
7- त्रुटियों के संशोधन का नाम ही उन्नति है.
8- स्वतंत्रता का मार्ग लंबा और कष्टपूर्ण होता है.
9- मनुष्य हमेशा प्रगति के मार्ग में अपने गुणों से आगे बढ़ता है, किसी दूसरे के भरोसे रहकर आगे नहीं बढ़ा जा सकता.
10- प्रेम और सम्मान धन से अधिक महत्वपूर्ण है, इस पर हमें विचार करना होगा, आपस में सौहार्द को बनाए रखना होगा.
दरअसल, लाला लाजपत राय स्वतंत्रता आंदोलन की लोकप्रिय तिकड़ी ‘लाल बाल पाल’ में से एक थे, इस तिकड़ी में लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और गोपाल कृष्ण गोखले शामिल थे. आपको बता दें कि लाला लाजपत राय 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे, जिसे रोकने के लिए ब्रिटिश पुलिस अधीक्षक जेम्स ए स्कॉट ने पुलिस लाठीचार्ज का आदेश दिया. इस लाठीचार्ज में वे बुरी तरह से घायल हो गए और 17 नवंबर 1928 को उनका निधन हो गया.