Krishna Janmashthami 2020 Messages In Hindi: हिंदू धर्म में कृष्ण जन्मोत्सव (Krishna Janmotsav) का खास महत्व बताया जाता है. मान्यता है कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने श्रीकृष्ण (Shri Krishna) के रूप में आठवां अवतार लिया था. कान्हा के जन्मोत्सव (Kanha Janmotsav) को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं, देश के तमाम कृष्ण मंदिरों में जन्मोत्सव का खास आयोजन किया जाता है. पिछले साल की तरह इस साल भी कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर लोगों में दुविधा बनी हुई है, क्योंकि कहीं 11 अगस्त को तो कहीं 12 अगस्त को जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का पर्व मनाया जा रहा है. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, गृहस्थों के लिए 11 अगस्त और साधु-संतों के लिए 12 अगस्त का दिन जन्माष्टमी मनाने के लिए शुभ है.
इस साल कोरोना वायरस संकट के बीच कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है, इस महामारी के चलते भले ही पर्व की रौनक थोड़ी फीकी पड़ गई है, लेकिन आप सोशल मीडिया के जरिए कान्हा के जन्मोत्सव की शुभकामनाएं तो दे ही सकते हैं. कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को इन प्यारे हिंदी ग्रीटिंग्स, मैसेजेस, जीआईफ विशेज, इमेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, वॉलपेपर्स के जरिए बधाई दे सकते हैं.
1- माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
खुशी मनाओ उसके जन्मदिन की,
जिसने दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाया.
शुभ कृष्ण जन्माष्टमी
2- नंद के घर आनंद भयो,
जो नंद के घर गोपाल गयो,
जय हो मुरलीधर गोपाल की,
जय हो कन्हैया लाल की.
शुभ कृष्ण जन्माष्टमी
3- गोकुल में जो करे निवास,
गोपियों संग जो रचाए रास,
देवकी-यशोदा जिनकी मैया,
ऐसे हमारे किशन कन्हैया.
शुभ कृष्ण जन्माष्टमी
4- माखन का कटोरा, मिश्री की थाल,
मिट्टी की खुशबू, बारिश की फुहार,
राधा की उम्मीदें, कृष्ण का प्यार,
मुबारक हो आपको, जन्माष्टमी का त्योहार.
शुभ कृष्ण जन्माष्टमी
5- राधा की चाहत है कृष्ण,
उसके दिल की विरासत है कृष्ण,
चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्ण,
दुनिया तो फिर भी कहती है,
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण...
शुभ कृष्ण जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजन स्थल पर एक साफ चौकी पर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद विधि-विधान से उनका उनका पूजन करें. दिन भर श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगाण और भजन-कीर्तन करें. इसके बाद मध्यरात्रि में 12 बजे कान्हा का जन्मोत्सव मनाएं. आखिर में प्रसाद वितरित करके भजन-कीर्तन करते हुए रात्रि जागरण करें. माना जाता है कि कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने के निसंतान दंपत्तियों को बाल कृष्ण जैसी संतान की प्राप्ति होती है.