करवा चौथ पर तिहाड़ जेल में ब्यूटी पार्लर में सजने-संवरने के लिए महिला कैदियों की भीड़, पुरुष कैदियों ने भी रखा व्रत
भारत के सबसे प्रतिष्ठित हिंदू त्योहारों में से एक करवा चौथ त्योहार गुरुवार को यानी आज मनाया जा रहा है. विवाहित महिलाएं इस त्योहार को लेकर काफी खुश देखी जा रही है. वहीं तिहाड़ जेल में भी इस त्योहार को लेकर जोश देखी जा रही है. इस साल इस जेल में बंद महिला कैदियों को करवा चौथ त्योहार मनाने को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से इजाजत दे दी गई है
Karwa Chauth 2019: भारत के सबसे प्रतिष्ठित हिंदू त्योहारों में से एक करवा चौथ त्योहार गुरुवार को यानी आज मनाया जा रहा है. विवाहित महिलाएं इस त्योहार को लेकर काफी खुश देखी जा रही है. वहीं तिहाड़ जेल में भी इस त्योहार को लेकर जोश देखी जा रही है. इस साल इस जेल में बंद महिला कैदियों को करवा चौथ त्योहार मनाने को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से इजाजत दे दी गई है. जिसके बाद जेल में बने ब्यूटी पार्लर में पति की लंबी उम्र के लिए सजने-सवरने के लिए महिला कैदियों की भीड़ देखी गई. जेल अधिकारियों के अनुसार कुछ पुरुष कैदियों ने करवा चौथ का व्रत रखने की इच्छा जताई है जो वे भी आज व्रत हैं.
खबरों के अनुसार जेल में करवा चौथ का उत्सव मनाने के लिए महिला जेल नंबर-6 में कार्य्रक्रम का आयोजन किया गया है. जो जेल नंबर-6 में बंद करीब 200 से अधिक महिला कैदी अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखीं हैं. जेल के अधिकारियों के अनुसार व्रत खोलने की रस्म को लेकर पार्क में एक सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जहां पर सभी महिलाएं जमा होंगी. अधिकारियों ने करवा चौथ त्योहार मानाने की इजाजत देने के साथ ही महिलाएं शादी का लहंगा और साड़ी पहन सके उन्हें अपने घर से शादी का लहंगा और साड़ी घर से मंगाने की इजाजत दे दी है. ताकि वे सज संवर सकें. अधिकारियों ने बताया कि करवा चौथ के इस कार्यक्रम में कुछ विदेशी महिलाएं भीव्रत रखने वाली हैं. यह भी पढ़े: Karwa Chauth 2019 Moonrise Timings: चांद के दीदार के बाद ही पूरा होता है करवा चौथ का व्रत, जानें दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, कानपुर समेत देश के अन्य शहरों में चंद्रोदय का सही समय
हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक विवाहित महिलाएं करवा चौथ के दिन व्रत रखकर अपने पति के लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. व्रत रखने वाली महिलाएं जब तक चांद नहीं निकलता तब तक व्रत का पारण नहीं कर सकती है. इसके बाद वह व्रत तोडकार अंतिम रस्म निभाती हैं.