Kalki Jayanti 2021 HD Images: कल्कि जयंती की दें शुभकामनाएं, शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs, Photos और वॉलपेपर्स

सावन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती का पर्व मनाया जाता है. कल्कि अवतार के जन्म लेने से पहले मनाए जाने वाले इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. इस खास अवसर पर लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं. आप भी कल्कि जयंती पर इन हिंदी वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, जीआईएफ और वॉलपेपर्स को भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.

कल्कि जयंती 2021 (File Photo)

Kalki Jayanti 2021 HD Images: हिंदू धर्म में पुराणों में वर्णित है कि कलयुग के अंत में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) कल्कि (Kalki Avatar) के रूप में अवतार लेंगे. जगत के पालनहार श्रीहरि का यह अंतिम अवतार होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलयुग में फैले अधर्म और पाप का विनाश करके धर्म की स्थापना के लिए भगवान कल्कि अवतार लेंगे. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कल्कि की जयंती (Kalki Jayanti) मनाई जाती है, जो इस साल 13 अगस्त 2021 (शुक्रवार) को मनाई जा रही है. दरअसल, भगवान विष्णु का यह पहला ऐसा अवतार है, जिसकी जयंती उनके जन्म से पहले मनाई जाती है. कहा जाता है कि भगवान विष्णु कलयुग नामक दैत्य का वध करने के लिए कल्कि अवतार लेंगे. पाप जब अपने चरम पर होगा और अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ता जाएगा, तब सृष्टि को पाप मुक्त करने और धर्म की पुन: स्थापना करने के लिए भगवान विष्णु कल्कि अवतार धारण करेंगे.

सावन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती का पर्व मनाया जाता है. कल्कि अवतार के जन्म लेने से पहले मनाए जाने वाले इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. इस खास अवसर पर लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं. आप भी कल्कि जयंती पर इन हिंदी वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, जीआईएफ और वॉलपेपर्स को भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- कल्कि जयंती 2021

2- कल्कि जयंती 2021

कल्कि जयंती 2021 (File Photo)

3- कल्कि जयंती 2021

कल्कि जयंती 2021 (File Photo)

4- कल्कि जयंती 2021

कल्कि जयंती 2021 (File Photo)

5- कल्कि जयंती 2021

कल्कि जयंती 2021 (File Photo)

कल्कि जयंती के दिन प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए, फिर पूजा स्थल की साफ-सफाई करके भगवान कल्कि की प्रतिमूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं और वस्त्र पहनाएं. अब एक चौकी पर लाल कपड़ा रखकर उनकी प्रतिमा को स्थापित करें. इसके बाद धूप-दीप, नैवेद्य, पुष्प और अगरबत्ती इत्यादि से पूजन करें. पूजा के बाद भगवान कल्कि से दुखों का अंत करने की कामना करें और आरती उतारने के बाद प्रसाद मिलकर खाएं.

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