Kaanum Pongal 2025 Wishes: हैप्पी कानुम पोंगल! प्रियजनों संग शेयर करें ये मनमोहक HD Images, WhatsApp Stickers, GIF Greetings और Wallpapers
कन्नुम शब्द का अर्थ है यात्रा करना, इसलिए इस दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों से मिलने के लिए जाते हैं. इस पर्व को विशेष तौर से रिश्तों को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है और स्वादिष्ट पकवानों का लुत्फ उठाया जाता है. इस खास अवसर पर आप प्रियजनों संग इन मनमोहक विशेज, एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और वॉलपेपर्स को भेजकर उन्हें हैप्पी कानुम पोंगल कह सकते हैं.

Kaanum Pongal 2025 Wishes in Hindi: तमिल कैलेंडर के तई महीने में फसलों के प्रमुख पर्व पोंगल को तमिलनाडु (Tamil Nadu) में पूरे जोश और उत्साह से मनाया जाता है, लेकिन इस पर्व की धूम आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) और कर्नाटक (Karnataka) जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में भी देखने को मिलती है. नए साल के तौर पर चार दिनों तक मनाए जाने वाले पोंगल उत्सव का चौथा और आखिरी पर्व कानुम पोंगल (Kaanum Pongal) है, जिसे कन्नुम पोंगल (Kanum Pongal) भी कहा जाता है. आज (17 जनवरी 2025) कानुम पोंगल मनाया जा रहा है. दरअसल, पोंगल के आखिरी पर्व यानी कानुम पोंगल के दिन किसान अच्छी फसल के लिए ईश्वर का धन्यवाद करते हैं. दक्षिण भारतीय राज्यों में कानुम या कन्नुम पोंगल को तिरुवल्लुर दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है, जिसे ऐतिहासिक लेखक, कवि और दार्शनिक तिरुवल्लुवर की याद में मनाया जाता है.
कन्नुम शब्द का अर्थ है यात्रा करना, इसलिए इस दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों से मिलने के लिए जाते हैं. इस पर्व को विशेष तौर से रिश्तों को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है और स्वादिष्ट पकवानों का लुत्फ उठाया जाता है. इस खास अवसर पर आप प्रियजनों संग इन मनमोहक विशेज, एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और वॉलपेपर्स को भेजकर उन्हें हैप्पी कानुम पोंगल कह सकते हैं.
1- कानुम पोंगल की शुभकामनाएं

2- कानुम पोंगल की हार्दिक बधाई
3- हैप्पी कानुम पोंगल
4- शुभ कानुम पोंगल
5- कानुम पोंगल 2025
दरअसल, पोंगल के आखिरी दिन यानी कानुम पोंगल के दिन तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसान 7 कुंवारी देवी का पूजन करते हैं, जिन्हें सप्त कनिमार कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सात कुंवारी देवी की पूजा करने से किसानों की कृषि भूमि को आशीर्वाद मिलता है. मुख्य तौर पर पोंगल का त्योहार सूर्य देव, इंद्र देव और मवेशियों की पूजा से जुड़ा हुआ, लेकिन इस पर्व का सबसे प्रमुख कारण नई फसल की खुशी है, इसलिए इस पर्व में किसान अपनी मेहनत का फल देखकर प्रकृति और देवताओं का धन्यवाद करते हैं.