Jivitputrika Vrat 2023 Wishes in Hindi: अपने संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छी सेहत की कामना से माताएं हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत करती हैं. जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) को देश के अलग-अलग हिस्सों में जिउतिया (Jiutiya), जितिया (Jitiya), जीवित्पुत्रिका, जीमूतवाहन व्रत जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. तीन दिनों तक मनाए जाने वाले इस पर्व को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), बिहार (Bihar) और झारखंड (Jharkhand) जैसे राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. 5 अक्टूबर 2023 को नहाय खाय के साथ इस व्रत की शुरुआत हुई है और 6 अक्टूबर 2023 को जितिया व्रत रखा जा रहा है, जिसका पारण 7 अक्टूबर 2023 को किया जाएगा. ऐसी मान्यता है कि जितिया व्रत का पालन करने वाली माताओं की संतानों को दीर्घायु, उत्तम आरोग्य और खुशहाल जीवन का वरदान मिलता है. इसके साथ ही जीवन में आनेवाले सभी संकटों से उनकी रक्षा होती है.
जितिया व्रत के पहले दिन यानी सप्तमी तिथि को नहाय खाय होता है, फिर अष्टमी तिथि को निर्जल व्रत रखा जाता है और नवमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है. हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व बताया जाता है, इसलिए शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी किया जाता है. ऐसे में आप भी इस खास अवसर पर इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए जितिया व्रत की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- तुम सलामत रहो, यही हैं मां की आस,
तुम्हें भी करनी होगी, पूरी मां की आस,
बढ़ते जाना आगे, प्रगति के पथ पर,
शर्मिंदा न करना, किसी भी कीमत पर,
देश के आना काम, यही है मां का पैगाम.
जीवित्पुत्रिका व्रत की शुभकामनाएं
2- आज जितिया का पावन दिन है आया,
मां ने रखा है लाडले के लिए निर्जला व्रत,
लंबी हो उम्र उसकी, रहे खुशहाल और निरोग,
यही कामना करतीं मां हर वर्ष...
जीवित्पुत्रिका व्रत की शुभकामनाएं
3- आपको जितिया व्रत की बहुत-बहुत बधाई,
आप और आपका परिवार स्वस्थ और सुखी रहे,
सभी कष्टों और संकटों का नाश हो,
जग में यश और कीर्ति चारों ओर फैले.
जीवित्पुत्रिका व्रत की शुभकामनाएं
4- मनचाही मुराद पूरी हो आपकी,
संतान को मिले लंबी उम्र,
सुख, सौभाग्य और संतति दें,
हरे लें सारे दुख और क्लेश.
जीवित्पुत्रिका व्रत की शुभकामनाएं
5- अश्वत्थामा की गलती को,
कृष्ण ने था सुधारा,
एक अभागी मां को,
मिला था सहारा.
जीवित्पुत्रिका व्रत की शुभकामनाएं
जीवित्पुत्रिका व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर माताएं व्रत का संकल्प लेती हैं. इस दिन भगवान गणेश, माता पार्वती और जीमूतवाहन की पूजा की जाती है. पूजन के दौरान कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल और पुष्प अर्पित किए जाते हैं. इसके साथ ही मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की प्रतिमा बनाई जाती है. इस व्रत में पूजन के दौरान जितिया व्रत की कथा पढ़ी या सुनी जाती है, फिर नवमी तिथि को सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जाता है.