Jalaram Bapa Jayanti 2021 Wishes: जलाराम जयंती पर इन WhatsApp Messages, Greetings, HD Images, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
जलाराम बापा जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

Jalaram Bapa Jayanti 2021 Wishes: भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त और महान संत जलाराम बापा (Jalaram Bapa) की इस साल 11 नवंबर 2021 को 222वीं जयंती (Jalaram Bapa Jayanti) मनाई जा रही है. उनका जन्म सन 1799 को गुजरात (Gujarat) के राजकोट (Rajkot) जिले में स्थित वीरपुर गांव में हुआ था, उनके पिता का नाम प्रधान ठक्कर और मां का नाम राजबाई था. जलाराम बापा की माता जी एक धार्मिक महिला थी, जो साधु-संतों की सेवा करती थीं. उनकी सेवा से प्रसन्न होकर ही संत रघुवीर दास जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया था कि उनके दूसरे पुत्र जलाराम ईश्वर की भक्ति, साधु की भक्ति और मानव सेवा की अनोखी मिसाल पेश करेंगे. उनका विवाह 16 साल की उम्र में वीरबाई से कराया गया था, लेकिन उन्होंने वैवाहिक बंधन से दूर रहकर सेवा कार्यों में अपना जीवन लगा दिया.

मान्यता है कि जलाराम बापा के पूजन और उनसे श्रद्धापूर्वक प्रार्थना करने से लोगों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. भक्त गुरुवार को व्रत रखकर या फिर अन्नदान कर बापा का पूजन करते हैं. इस खास अवसर पर आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को इन विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को सोशल मीडिया के जरिए भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- जलाराम बापा जयंती

जलाराम बापा जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

2- जलाराम जयंती 2021

जलाराम बापा जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

3- जलाराम जयंती की शुभकामनाएं

जलाराम बापा जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

4- जलाराम जयंती की बधाई

जलाराम बापा जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

5- हैप्पी जलाराम जयंती 

जलाराम बापा जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

बताया जाता है कि 18 साल की उम्र में जलाराम बापा ने फतेहपूर के संत श्री भोजलराम को अपना गुरु स्वीकार किया. 20 साल की उम्र तक उनकी सरलता और भगवतप्रेम की ख्याति चारों तरफ फैल गई. उनके जीवनकाल में लोगों ने कई चमत्कार देखे. सेवा कार्यों के बारे में बापा कहा करते थे कि यह प्रभु की इच्छा है और प्रभु का कार्य है, जो प्रभु ने ही उन्हें सौंपा है. सन 1934 में भयंकर अकाल के समय वीरबाई मां और बापा ने लगातार लोगों की सेवा की. सन 1937 में बापा ने प्रार्थना करते हुए अपने शरीर को त्याग दिया था.