Hartalika Teej 2019: हरतालिका तीज पर पूजा के समय थाली में रखें ये पूजन सामग्रियां, जानिए व्रत से जुड़े जरूरी नियम
हरतालिका तीज के व्रत को करवा चौथ और हरियाली तीज से भी कठिन माना जाता है. हरतालिका तीज पर निर्जल व्रत रखने का विधान है. इस दिन महिलाएं दिनभर भूखी प्यासी रहकर प्रदोष काल में गौरी-शंकर और गणेश की पूजा करती हैं, फिर अगली सुबह पूजा के बाद व्रत का पारण करती हैं. अगर आप भी ये व्रत कर रही हैं तो पूजा की थाली में ये आवश्यक पूजन सामग्रियां जरूर रखें.
Hartalika Teej 2019 Puja Samagri List: 1 सितंबर 2019, रविवार यानी आज सुहागन महिलाओं के सौभाग्य का सबसे बड़ा पर्व हरतालिका तीज (Hartalika Teej) मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में इस व्रत का बहुत महत्व बताया जाता है. कहा जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को विधिवत पूर्ण करती हैं, उनके पति को लंबी उम्र का वरदान प्राप्त होता है, जबकि इस व्रत को करने से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलाता है. उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मुख्यरूप से मनाए जानेवाले इस पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह नजर आता है और वो कई दिन पहले से ही इस व्रत (Hartalika Teej Vrat) की तैयारियां शुरू कर देती हैं.
हरतालिका तीज के व्रत को करवा चौथ और हरियाली तीज से भी कठिन माना जाता है. हरतालिका तीज पर निर्जल व्रत रखने का विधान है. इस दिन महिलाएं दिनभर भूखी प्यासी रहकर प्रदोष काल में गौरी-शंकर और गणेश की पूजा करती हैं, फिर अगली सुबह पूजा के बाद व्रत का पारण करती हैं. अगर आप भी ये व्रत कर रही हैं तो पूजा की थाली में ये आवश्यक पूजन सामग्रियां जरूर रखें. हम आपके लिए लेकर आए हैं पूजन सामग्रियों की पूरी लिस्ट (Hartalika Puja Samagri List) ताकि समय से पहले आप इनकी खरीददारी कर लें. यह भी पढ़ें: Hartalika Teej 2019: हरतालिका तीज पर ऐसे करें श्रृंगार कि चेहरे से न हटे पिया की नजर, मेकअप, स्टाइल और फैशन टिप्स के लिए देखें यह वीडियो
शुभ मुहूर्त-
सुबह का शुभ मुहूर्त- 5.58 बजे से 8.31 बजे तक.
प्रदोष काल पूजा मुहूर्त- शाम 6.43 बजे से रात 8.58 बजे तक.
पूजन के लिए सामग्री-
गीली काली मिट्टी, बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरा, तुलसी, मंजरी, अंकव के पत्ते, जनेऊ, वस्त्र, सभी प्रकार फूल, फल और पत्ते, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी या तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक इत्यादि.
मां गौरी के लिए श्रृंगार-
मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, महावर, सुहाग का पूड़ा, कंघी इत्यादि सोलह श्रृंगार की सामग्रियां.
पंचामृत के लिए-
इस दिन भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए और पंचामृत बनाने के लिए घी, दही, शक्कर, दूध, शहद इत्यादि सामग्रियां पहले से ही जुटा लें. यह भी पढ़ें: Hartalika Teej 2019 Mehndi Designs: मेहंदी के बिना अधूरा है हरतालिका तीज का त्योहार, जरूर ट्राई करें ये लेटेस्ट व आकर्षक डिजाइन (Watch Video & Photos)
पूजा विधि-
- इस व्रत में प्रदोष काल में पूजा की जाती है, इसलिए संध्या के समय स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें.
- स्नान के बाद संभव हो तो गौरी-शंकर की मिट्टी की प्रतिमा बनाएं या फिर बाजार से प्रतिमा ले आएं.
- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गौरी-शंकर की प्रतिमा और कलश की स्थापना करें.
- इसके बाद सुहाग की सारी सामग्रियां एक थाल में सजाकर माता पार्वती को अर्पित करें.
- शिवजी को धोती और अंगोछा अर्पित करें और गणेश जी को जनेऊ अर्पित करें.
- अब फल, फूल, चंदन, कुमकुम, धूप और दीप से गौरी-शंकर की पूजा करें.
- पूजा के दौरान हरतालिका व्रत की कथा पढ़े या सुनें और आखिर में आरती करें.
- अगली सुबह पूजा के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और उसके बाद व्रत का पारण करें.
- पूजा के बाद सुहाग की सामग्री ब्राह्मणी और धोती-अंगोछा किसी ब्राह्मण को दान करें. यह भी पढ़ें: हरतालिका तीज 2019 कब है? 1 या 2 सितंबर को लेकर असमंजस, जानें सौभाग्य के इस पर्व की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
क्या हैं इस व्रत से जुड़े नियम
हरतालिका तीज का व्रत एक बार शुरु करने के बाद इसे हमेशा करना होता है. अगर किसी वजह से व्रत छोड़ना पड़े तो उद्यापन के बाद यह व्रत किसी और को दिया जा सकता है. इस व्रत में पूरे 24 घंटे के लिए बिना अन्न और जल के रहना पड़ता है. कहा जाता है कि यह व्रत विधवा महिलाओं को नहीं करना चाहिए. इस व्रत में सोना वर्जित है और व्रत के दौरान रात्रि जागरण करने का भी नियम है. व्रत के अगले दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के बाद लोगों को प्रसाद बांटना चाहिए और उसके बाद ही प्रसाद ग्रहण कर अपने व्रत का पारण करना चाहिए.