Hariyali teej 2018: जानें क्यों हरियाली तीज का व्रत महिलाओं के लिए है इतना खास

प्राचीन मान्यता के अनुसार माता पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें भगवान शिव पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. भगवान शिव के इस वरदान से माता पार्वती इनती खुश हुई कि वे झूम उठी

हरियाली तीज (Photo Credits: Preneet Kaur Facebook)

नई दिल्ली. पूरे देश में आज बड़ी धूमधाम से हरियाली तीज का पर्व मनाया जा रहा है. सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया की तिथि के दिन इस पर्व को मनाया जाता है. यह त्यौहार व्रत के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना में यह उपवास रखती हैं.

प्राचीन मान्यता के अनुसार माता पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें भगवान शिव पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. भगवान शिव के इस वरदान से माता पार्वती इनती खुश हुई कि वे झूम उठी. यही कारण है कि शुक्ल तृतीया को हरियाली तीज के नाम से सावन महीने में मनाया जाता है. हरियाली तीज मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है.

हरियाली तीज व्रत का मुहूर्त

हरियाली तीज तिथि आरंभ : सुबह 8:38 बजे (13 अगस्त 2018) से

हरियाली तीज तिथि समाप्त : सुबह 5:46 बजे (14 अगस्त 2018) तक

पूजा में इन चीजों का कर सकते हैं इस्तेमाल

हरियाली तीज के दिन विवाहित महिलाएं मिट्टी से मां पार्वती और शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करती हैं. फिर पूजा के बाद किसी नदी में इन मूर्तियों को प्रवाहित कर देती हैं. वहीं पूजा की सामग्री के रूप में गीली मिट्टी, पीले रंग का नया कपड़ा, बेल पत्र, कलावा, धूप-अगरबत्ती, कपूर, घी का दीपक, फूल-फल, नारियल और पंचामृत आदि इस्तेमाल कर सकते हैं.

Share Now

\