Happy Navreh Greetings 2022: नवरेह पर ये HD Wallpapers और GIF Images भेजकर दें कश्मीरी नव वर्ष की शुभकामनाएं

कश्मीरी पंडित चैत्र (मार्च-अप्रैल) के महीने के उज्ज्वल अर्ध चंद्र के पहले दिन नया साल मनाते हैं और इसे नवरेह कहते हैं. नवरेह शब्द, संस्कृत नव वर्ष से लिया गया है, जिसका साहित्यिक अर्थ 'नया साल' है. 1900 से पहले मैदानी इलाकों में चले गए कश्मीरी पंडित परिवार भी नवरेह मनाते हैं....

Navreh Wishes 2022 (Photo Credits: File Image)

Happy Navreh Greetings 2022: कश्मीरी पंडित चैत्र (मार्च-अप्रैल) के महीने के उज्ज्वल अर्ध चंद्र के पहले दिन नया साल मनाते हैं और इसे नवरेह (Navreh 2022) कहते हैं. इस साल नवरेह 2 अप्रैल को मनाया जा रहा है. नवरेह शब्द, संस्कृत नव वर्ष से लिया गया है, जिसका साहित्यिक अर्थ 'नया साल' है. 1900 से पहले मैदानी इलाकों में चले गए कश्मीरी पंडित परिवार भी नवरेह मनाते हैं. नवरेह की पूर्व संध्या पर, एक रोटी के साथ बिना छिलके वाले चावल की थाली, एक कप दही, थोड़ा नमक, थोड़ी मिश्री, कुछ अखरोट या बादाम, एक चांदी का सिक्का, एक कलम, एक दर्पण, कुछ फूल (गुलाब, गेंदा, क्रोकस, या चमेली) और नया पंचांग से भरी थाली रात में सजाकर रखी जाती है और सुबह इसे ब्रम्ह मुहूर्त में देखा जाता है. यह रस्म कमोबेश ईरानी हाफ-सीन और जोरास्ट्रियन नॉरूज (Zoroastrian Nowruz) के समान ही है. भृंगीश संहिता में कहा गया है कि थाली कांसे की होनी चाहिए. यही अनुष्ठान सोंठ या कश्मीरी वसंत त्योहार पर मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: Navreh Wishes 2022: नवरेह पर ये विशेज Whatsapp Stickers, HD Wallpapers और GIF Greetings के जरिये भेजकर दें शुभकामनाएं

अन्य राज्यों में हिन्दू नव वर्ष के रूप में महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा और आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में उगादी मनाया जाता है. कश्मीरी नव वर्ष को मनाने के लिए हमारे पास लेटेस्ट नवरेह बधाई, शुभकामनाएं, संदेश, कोट्स, एसएमएस और इमेजेस का एक संग्रह है. जिन्हें आप पाने प्रियजनों को भेजकर नवरेह की मुबारकबाद दे सकते हैं.

1- कश्मीरी न्यू ईयर 2022

Navreh Wishes 2022 (Photo Credits: File Image)

2- कश्मीरी नव वर्ष की शुभकामनाएं

Navreh Wishes 2022 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी नवरेह

Navreh Wishes 2022 (Photo Credits: File Image)

4- नवरेह की हार्दिक बधाई

Navreh Wishes 2022 (Photo Credits: File Image)

5- नवरेह मुबारक

Navreh Wishes 2022 (Photo Credits: File Image)

किवदंती है कि सप्तर्षियों एक साथ शारिका पर्वत पर आते थे. जिसे कश्मीर में हरि परबत के रूप में भी जाना जाता है. यह पर्वत देवी शारिका का निवास स्थान था इसलिए इसका नाम शारिका पड़ा. नवरेह पर कश्मीरी पंडित देवी शारिका का आशीर्वाद लेने के लिए हरि पर्वत पर जाते हैं. नए साल पर बच्चे नए कपड़े पहनते हैं!

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