Happy Dev Diwali 2020 Greetings: हैप्पी देव दीपावली! प्रियजनों को भेजें ये आकर्षक हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Wishes, GIF Images और वॉलपेपर्स
देव दिवाली 2020 (Photo Credits: File Image)

Happy Dev Diwali 2020 Greetings in Hindi: हिंदू धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया जाता है. पूर्णिमा की इस तिथि को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) कहा जाता है और इस दिन देव दीपावली (Dev Deepawali) का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. कार्तिक अमावस्या को लक्ष्मीपूजन (Lakshmi Pujan) और दिवाली (Diwali) मनाए जाने के बाद कार्तिक पूर्णिमा पर सभी देवी-देवता देव दिवाली (Dev Diwali) का पर्व मनाते हैं. कहा जाता है कि इस दिन सभी देवता स्वर्ग से धरती पर देव दीपावली मनाने के लिए भगवान शिव की पावन नगरी काशी यानी वाराणसी आते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान शिव (Lord Shiva) ने त्रिपुरासुर (Tripurasur) नामक असुर का वध किया था, जिससे देवगण बेहद प्रसन्न हुए थे. त्रिपुरासुर का वध करने के कारण भगवान शिव त्रिपुरारी कहलाए.

त्रिपुरासुर के वध होने की खुशी में सभी देवता स्वर्गलोक से धरती पर उतरकर काशी में देव दीपावली मनाते हैं. देव दिवाली के इस पावन पर्व की आप अपनों को बधाई ने दें, ऐसा कैसे हो सकते है. आप अपने प्रियजनों के साथ इस पर्व की खुशियां बांट सकें और हैप्पी देव दीपावली कह सकें, इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं आकर्षक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक विशेज, जीआईएफ इमेजेस और वॉलपेपर्स, जिन्हें आप सोशल मीडिया के जरिए भेज सकते हैं.

1- हैप्पी देव दिवाली

देव दिवाली 2020 (Photo Credits: File Image)

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2- हैप्पी देव दिवाली

देव दिवाली 2020 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी देव दिवाली

देव दिवाली 2020 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी देव दिवाली

देव दिवाली 2020 (Photo Credits: File Image)

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5- हैप्पी देव दिवाली

देव दिवाली 2020 (Photo Credits: File Image)

6- हैप्पी देव दिवाली

देव दिवाली 2020 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि देव दिपावली के उत्सव को शिव की पावन नगरी काशी में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. काशी के गंगा घाटों को दीयों की रोशनी से रोशन किया जाता है. गंगा आरती की जाती है और दीपदान किया जाता है. दरअसल, हिंदू धर्म में कार्तिक मास का खास महत्व है, क्योंकि इसी महीने भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं. इसी महीने श्रीहरि के शालिग्राम स्वरूप और तुलसी का विवाह संपन्न कराया जाता है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था.