Hanuman Jayanti 2023 Wishes in Sanskrit: संस्कृत में दें हनुमान जयंती की बधाई, प्रियजनों को भेजें ये WhatsApp Messages, Quotes, SMS और Greetings
हनुमान जी की नियमित पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है और बजरंगबली सदैव अपने भक्तों की संकटों से रक्षा करते हैं. उनके जन्मोत्सव पर तमाम हनुमान मंदिरों में उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. हनुमान जयंती के इस अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, एसएमएस और ग्रीटिंग्स के जरिए प्रियजनों को संस्कृत में बधाई दे सकते हैं.
Hanuman Jayanti 2023 Wishes in Sanskrit: इस साल देशभर में 6 अप्रैल 2023 को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) मनाई जा रही है. दरअसल, मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम (Bhagwan Ram) के परम भक्त हनुमान कलियुग के एकमात्र ऐसे देवता हैं, जो भक्तों की थोड़ी सी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं. अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता हनुमान जी (Hanuman Ji) अपने भक्तों के जीवन से सभी संकटों को दूर करते हैं, इसलिए उन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है. भगवान हनुमान को आंजनेय, केसरीनंदन और बजरंगबली जैसे नामों से जाना जाता है. उन्हें बल, बुद्धि और विद्या का देवता माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बजरंगबली भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार हैं और उन्हें कलयुग का देवता भी कहा जाता है, जो कलयुग के अंत तक धरती पर वास करने वाले देव हैं.
हनुमान जी की नियमित पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है और बजरंगबली सदैव अपने भक्तों की संकटों से रक्षा करते हैं. उनके जन्मोत्सव पर तमाम हनुमान मंदिरों में उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. हनुमान जयंती के इस अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, एसएमएस और ग्रीटिंग्स के जरिए प्रियजनों को संस्कृत में बधाई दे सकते हैं.
1- अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।
भावार्थ- अतुलनीय बल का धाम, स्वर्ण पर्वत के समान शरीर, जो राक्षसों की वन अग्नि है, जो बुद्धिमानों में प्रमुख हैं, जो समस्त गुणों के कोष और वानरों के स्वामी हैं. भगवान श्रीराम के प्रिय भक्त हनुमान जी की मैं पूजा करता हूं.
2- बुद्धिर्बलं यशो धैर्यं निर्भयत्वमरोगता।
अजाड्यं वाक्पटुत्वं च हनुमत्स्मरणाद्भवेत्।।
भावार्थ- बुद्धि, बल, यश, धैर्य, निर्भयता, स्वास्थ्य, चेतना और वाक्पटुता,
यह सब श्री हनुमान जी को स्मरण करके प्राप्त किया जा सकता है.
3- श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
भावार्थ- श्री गुरु महाराज के चरणकमलों की धूल से अपने मन के दर्पण को शुद्ध करके, मैं श्री रघुवीर की शुद्ध महिमा का वर्णन करता हूं, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चार फलों के दाता हैं.
4- बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।
भावार्थ- हे पवन कुमार! मैं आपका स्मरण करता हूं, आप जानते हैं कि मैं बुद्धिहीन हूं. मुझे शारीरिक बल, बुद्धि, ज्ञान दीजिए, मेरे दुखों और दोषों का नाश कीजिए.
5- पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रुप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभूप।।
भावार्थ- हे संकटमोचन पवन कुमार! आप भक्तों का मंगल करने वाले देव हैं. आप श्रीराम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय में निवास करते हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है और धूमधाम से उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन ऐसी मान्यता है कि हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करने से हर तरह की इच्छा पूरी होती है. हनुमान जी की उपासना करने से भक्तों की बुरी आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से भी रक्षा होती है.