Guruvayur Ekadashi 2020 Wishes & Images: हैप्पी गुरुवायुर एकादशी! इन खूबसूरत हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Wallpapers के जरिए दें बधाई
गुरुवायुर एकादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

Guruvayur Ekadashi 2020 Wishes & Images: गुरुवायर एकादशी (Guruvayur Ekadashi) को हर साल मलयालम पंचांग (Malayalam Panchang) के वृश्चिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है. गुरुवायुर एकादशी को सौर कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है, जबकि चंद्र कैलेंडर के अनुसार यह तिथि कार्तिक या मार्गशीर्ष महीने में आती है. गुरुवायुर एकादशी को केरल के प्रसिद्ध गुरुवायुर श्रीकृष्ण मंदिर (Guruvayur Shri Krishna Temple) में धूमधाम से मनाया जाता है, इस मंदिर को स्वामी गुरुवायुरप्पन धाम के नाम से भी जाना जाता है. स्वामी गुरुवायुरप्पन को हाथियों का स्वामी माना जाता है, इसलिए इस दिन हाथियों की भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है. इस दिन सुबह से शाम तक विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और गीता का पाठ किया जाता है.

गुरुवायुर एकादशी के शुभ अवसर पर अगर आप अपने प्रियजनों से दूर हैं या किसी कारणवश इस पर्व को उनके साथ मिलकर सेलिब्रेट नहीं कर पा रहे हैं तो सोशल मीडिया के इस दौर में आप उन्हें अपनी प्यार भरी शुभकामनाएं तो दे ही सकते हैं. आप इन खूबसूरत हिंदी विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी वॉलपेपर्स के लिए अपनों को हैप्पी गुरुवायुर एकादशी कहकर बधाई दे सकते हैं.

1- गुरुवायुर एकादशी 2020

गुरुवायुर एकादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

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2- गुरुवायुर एकादशी 2020

गुरुवायुर एकादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

3- गुरुवायुर एकादशी 2020

गुरुवायुर एकादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

4- गुरुवायुर एकादशी 2020

गुरुवायुर एकादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

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5- गुरुवायुर एकादशी 2020

गुरुवायुर एकादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि गुरुवायुर एकादशी को रातभर भगवान श्रीकृष्ण का पूजन किया जाता है और रात्रि जागरण किया जाता है. दशमी तिथि की रात्री से लेकर द्वादशी तिथि की सुबह तक इस व्रत को किया जाता है. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान किया जाता है फिर भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण की फल, फूल, धूप, दीप, चंदन और तुलसी से पूजन किया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है. दक्षिण भारत में इस पर्व का पालन धार्मिक विधि-विधान से किया जाता है.